भारत, जिसे कि दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है, वहां गत 19 मई को लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव, 2019 का पटाक्षेप तो हो गया, मगर 23 मई को चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद भारत ने दुनिया को एक बार फिर से दिखा दिया कि कभी विश्वगुरु कहे जाने वाले इस देश के लोकतंत्र में ताकत जनता के ही हाथों में है और जनता ही मालिक है। चुनाव परिणाम में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सत्तारुढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी कि एनडीए को ही स्पष्ट बहुमत प्राप्त हुआ है, जिससे यह भी साफ हो गया है कि नरेंद्र मोदी ही भारत के लगातार दूसरी बार अगले पांच वर्षों तक प्रधानमंत्री रहने वाले हैं। यहां हम आपको लोकसभा चुनाव परिणाम से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी मुहैया करा रहे हैं, जो आपके बहुत काम आ सकती है।
लोकसभा चुनाव परिणाम, 2019
- लोकसभा की 543 सीटों में 542 सीटों के नतीजे और रुझान सामने आ गये हैं।
- भारतीय निर्वाचन आयोग ने तमिलनाडु की वेल्लोर लोकसभा सीट के चुनाव को रद्द कर दिया था।
- नतीजों एवं रुझानों के अनुसार एनडीए को 352 सीटों पर विजय मिली है।
- कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन यानी कि यूपीए को 86 सीटों पर जीत मिली है।
- अन्य दलों के खाते में 104 सीटें गई हैं।
- सरकार बनाने के लिए 272 सीटों की आवश्यकता पड़ती है।
- लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी अकेले 300 से अधिक सीटें जीतने में सफल रही है।
राज्यों के अनुसार नतीजे
- सबसे अधिक 80 लोकसभा सीटों वाले प्रांत उत्तर प्रदेश में एनडीए को 64 सीटों पर जीत हासिल हुई है। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाजवादी पार्टी एवं राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन को 15 सीटों से संतोष करना पड़ा है, जबकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खाते में महज एक सीट गई है।
- बिहार, जिसे कि गणतंत्र के उदय की भूमि के नाम से भी जाना जाता है, यहां 40 सीटों में से एनडीए को 39, जबकि कांग्रेस को एक सीट पर विजय मिली। यहां महागठबंधन का नेतृत्व कर रहे राष्ट्रीय जनता दल अपना खाता भी नहीं खोल सका।
- गुजरात में लोकसाा की सभी 26 सीटों पर जीत भाजपा को हासिल हुई।
- ओडिशा, जहां कि लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव भी हुए, वहां 21 लोकसभा सीटों में से 13 सीटों पर मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल यानी कि बीजद को जीत नसीब हुई, जबकि भाजपा को यहां केवल 8 सीटों से ही संतोष करना पड़ा।
- दिल्ली में लोकसभा की सभी 7 सीटों पर भाजपा कब्जा जमाने में कामयाब रही। यहां न तो कांग्रेस और न ही आम आदमी पार्टी यानी कि आप अपना खाता खोल सकी।
- तेलंगाना में 17 लोकसभा सीटों में 10 सीटों पर मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाले तेलंगाना राष्ट्र समिति यानी कि टीआरएस को जीत नसीब हुई, जबकि यहां भाजपा को 4 और कांग्रेस को 3 सीटों पर ही विजय मिल सकी।
- पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस यानी कि टीएमसी को 22 सीटों पर जीत मिली, जबकि भाजपा इस बार यहां 18 सीटों को अपनी झोली में डालने में सफल रही। कांग्रेस को भी 2 सीटों पर यहां जीत नसीब हुई।
- महाराष्ट्र में 48 लोकसभा सीटों में से 41 सीटों पर एनडीए को विजय मिली। वहीं, 6 सीटें कांग्रेस एवं एक सीट अन्य के खाते में गई।
- तमिलनाडु में 38 लोकसभा सीटों के चुनाव परिणाम घोषित किये गये, जिनमें से 37 सीटों पर यूपीए और केवल एक सीट पर एनडीए को जीत मिल पाई।
- राजस्थान में लोकसभा की सभी 25 सीटें एनडीए के खाते में गईं।
- छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से 9 सीटों पर जहां भाजपा ने जीत का स्वाद चखा, वहीं 2 सीटें सत्तारुढ़ कांग्रेस के खाते में गईं।
- मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 28 सीटों पर भाजपा जीत हासिल करने में कामयाब रही। यहां सत्तारुढ़ कांग्रेस केवल एक सीट को ही अपनी झोली में डाल सकी।
- हिमाचल प्रदेश की सभी 4 लोकसभा सीटें एनडीए के खाते में चली गईं।
- उत्तराखंड में सभी 5 सीटों को भाजपा अपने नाम करने में सफल रही।
- कर्नाटक में 28 लोकसभा सीटों में से 25 सीटों पर एनडीए ने जीत का स्वाद चखा तो यहां यूपीए को केवल एक और अन्य को दो सीटें नसीब हुईं।
- गोवा की दो लोकसभा सीटों में एक पर भाजपा और एक पर कांग्रेस को जीत नसीब हुई।
- हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत का स्वाद चखा है।
- झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें एनडीए के ााते
- केरल की 20 लोकसभा सीटों में से 18 सीटों पर यूपीए को जीत हासिल हुई। यहां एनडीए अपना खाता तक नहीं खोल सकी। अन्य के खाते में 2 सीटें गईं।
- आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों पर जगमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस ने 22 सीटों पर अपना कब्जा जमाया, जबकि तेलुगूदेशम पार्टी को केवल 3 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। यहां एनडीए अपना खाता भी नहीं खोल सकी।
- चंडीगढ़ की अकेली लोकसभा सीट पर विजय भाजपा को मिली।
- अरुणाचल प्रदेश की दोनों लोकसभा सीटें एनडीए की झोली में जनता ने डाल दी।
- अंडमान निकोबार की इकलौती सीट यूपीए के खाते में गई।
- असम ने एनडीए ने 14 लोकसभा सीटों में से 9 सीटों पर जीत का स्वाद चखा, जबकि यूपीए को 3 सीटों पर जीत नसीब हो सकी। अन्य के खाते में भी 2 सीटें गई हैं।
- झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में से 12 सीटों को एनडीए अपने पक्ष में करने में सफल रहा, जबकि 2 सीटें यूपीए के पक्ष में गईं।
- जम्मू-कश्मीर की 6 लोकसभा सीटों में से 3 सीटें एनडीए और 3 सीटें यूपीए के पास गईं।
- पंजाब में कांग्रेस को 13 लोकसभा सीटों में 8, एनडीए को 4 एवं आप को एक सीट हासिल हुई।
- पुड्डुचेरी में की इकलौती लोकसभा सीट यूपीए और लक्षद्वीप की भी इकलौती लोकसभा सीट यूपीए के खाते में गई।
नोटः रिपोर्ट तैयार किये जाने तक भी कई सीटों के आधिकारिक नतीजों का ऐलान चुनाव आयोग की ओर से नहीं किया गया था, जिस वजह से सीटों की संख्या में मामूली उलटफेर की संभावना है।
महत्वपूर्ण सीटों का ब्यौरा
- वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत का स्वाद चखा। उन्होंने समाजवादी पार्टी की शालिनी यादव को 4.79 लाख मतों के अंतर से पराजित किया।
- अमेठी सीट इस बार केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से 55 हजार 120 मतों के अंतर से छीन ली। हालांकि, वायनाड सीट से राहुल गांधी ने जीत का स्वाद चख लिया।
- भोपाल लोकसभा सीट पर भाजपा की साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को 3 लाख 64 हजार 822 मतों के अंतर से हराया।
- मध्य प्रदेश की गुना लोकसभा सीट पर भाजपा के केपी यादव के हाथों कांग्रेस के यहां से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक लाख से अधिक मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा।
- अहमदाबाद संसदीय सीट पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 5.43 लाख मतों के अंतर से जीत नसीब हुई।
- सोनिया गांधी ने राजयबरेली लोकसभा सीट को डेढ़ लाख मतों से अधिक के अंतर से जीत लिया।
- हैदराबाद लोकसभा सीट पर असदुद्दीन ओवैसी ने लगातार चौथी बार जीत हासिल की और भाजपा के भगवंत राव को 2.82 लाख मतों से हरा दिया।
- रामपुर में समाजवादी पार्टी के आजम खां ने भाजपा की जया प्रदा को एक लाख नौ हजार 977 मतों के अंतर से हरा दिया।
- लखनऊ लोकसभा सीट को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह 3 लाख मतों के अधिक के अंतर से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार और शत्रुघ्न सिन्हा की पत्नी पूनम सिन्हा से जीतने में सफल रहे।
- पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर, जिन्होंने पूर्वी दिल्ली से पहली बार भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा, वे कांग्रेस के अरविंदर सिंह लवली को 3 लाख वोटों से अधिक के अंतर से पराजित करने में कामयाब रहे।
- दक्षिणी दिल्ली सीट पर मुक्केबाज विजेंदर सिंह को जीत नहीं नसीब हो सकी। वे तीसरे स्थान पर रहे, जबकि भाजपा के रमेश बिधूड़ी को यहां आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा पर तीन लाख मतों के अंतर से जीत हासिल हुई।
- बेगूसराय लोकसभा सीट से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई उम्मीदवार कन्हैया कुमार को तीन लाख वोटों से अधिक के अंतर से पराजित किया।
- बिहार की पटना साहिब संसदीय सीट से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए शत्रुघ्न सिन्हा को 2 लाख 84 हजार 657 मतों के अंतर से हरा दिया।
- फिल्म अभिनेता सनी देओल ने पंजाब की गुरदासपुर लोकसभा सीट भाजपा के टिकट पर वर्तमान कांग्रेसी सांसद सुनील जाखड़ से 82 हजार 459 मतों के अंतर से छीन लिया।
- आजमगढ़ लोकसभा सीट पर उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता एवं भाजपा के उम्मीदवार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को 2 लाख 59 हजार 874 मतों के अंतर से हरा दिया।
- गोरखपुर लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार और भोजपुरी फिल्मों के अभिनेता रवि किशन को समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी रामभुआल निषाद पर 3 लाख से भी अधिक मतों के अंतर से जीत नसीब हुई।
- मथुरा संसदीय सीट पर अभिनेत्री एवं भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार कुंवर नरेंद्र सिंह को 2 लाख 93 हजार 471 मतों के अंतर से पराजित किया।
- चंडीगढ़ लोकसभा सीट भाजपा की किरण खेर कांग्रेस के पवन कुमार बंसल से 46 हजार 970 मतों से जीतने में कामयाब रहीं।
अहम हैं ये सवाल
लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद यह साफ हो गया है कि पूर्ण बहुमत प्राप्त करने वाली एनडीए की सरकार दोबारा बनने जा रही है। नरेंद्र मोदी दोबारा देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लेने वाले हैं। अब देखना ये है कि क्या नई सरकार देश से पूरी तरह से गरीबी का उन्मूलन करने में कामयाब हो पाती है? क्या नई सरकार सभी बेरोजगारों को रोजगार मुहैया करा पाती है? एक और अहम सवाल ये भी है कि चुनाव पूर्व घोषणा पत्र में जो मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने की घोषणा की थी, उस दिशा में सरकार आखिर किस तरह से कदम बढ़ाती है?