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लॉरेल हबर्ड – पहली ट्रांस ओलिंपियन



हाल ही मे , दुनिया की पहली महिला ट्रांसजेंडर खिलाड़ी लॉरेल हबर्ड ने टोक्यो ओलम्पिक का टिकट प्राप्त कर सुर्खियां बटोरी हैं। न्यूज़ीलैण्ड ओलम्पिक समिति ने 21 जून 2021 को वेटलेफ्टिंग केटेगरी मे 43 वर्षीय लॉरेल हबर्ड को एक ट्रांसजेंडर महिला के रूप मे ओलम्पिक के लिए उपयुक्त पाया है। अब लॉरेल हबर्ड 2 अगस्त को टोक्यो मे 86+ किलोग्राम महिला वर्ग मे प्रतियोगिता करती नजर आएंगी। हालांकि लॉरेल हबर्ड का चयन ओलम्पिक मे महिला वर्ग मे हुआ है, लेकिन इनके चयन को लेकर पहले भी और अब भी मतभेद उत्पन्न हो गए हैं। आज के इस लेख मे हम लॉरेल हबर्ड – पहली ट्रांस ओलिंपियन के बारे मे जानकारी प्राप्त करेंगे और जानेंगे ट्रांसजेंडर से सम्बंधित अन्य तथ्यों को।

इस लेख के महत्वपूर्ण बिंदु हैं

लॉरेल हबर्ड – पहली ट्रांस ओलिंपियन

लॉरेल हबर्ड का विवादों से पहले भी रहा नाता

क्या कहती है 2015, IOC की ट्रांसजेंडर गाइडलाइन ?

अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति की 2015 संशोधित ट्रांसजेंडर गाइडलाइन के अनुसार, यदि कोई ट्रांसजेंडर एथलीट अपनी बर्थ जेंडर की घोषणा करता/करती है तथा चार साल तक उसी घोषणा पर कायम रहती है/ रहता है, साथ ही प्रतिस्पर्धा से पहले और पात्रता की अवधि के दौरान कम से कम एक वर्ष के लिए 10 नैनोमोल प्रति लीटर से कम टेस्टोस्टेरोन का स्तर प्रदर्शित करती है /करता है । तब इस स्थिति मे ट्रांसजेंडर एथलीटों को प्रतिबंध के बिना प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति दी जाती है।

विश्व एथलेटिक्स ने बदले ट्रांसजेंडर मानक

क्या कहती है रिसर्च ?

अन्य महत्वपूर्ण फैक्ट्स

चलते-चलते

ट्रांसजेंडर लोगो की भावनाओं को समझकर उनको विभिन्न क्षेत्रों मे आगे लाने की पहल सराहनीय है। आज जीवन के अनेक क्षेत्रों मे ट्रांसजेंडर लोग अपना नाम कर रहे हैं। खेल के मैदान मे आवश्यकता है ट्रांसजेंडर लोगों की एक अलग से केटेगरी बनाने की , क्योकि आज ट्रांसजेंडर महिला  खिलाड़ी के ओलम्पिक मे चयन के विरोध का मुख्य कारण केवल यह है कि उन्हें महिला केटेगरी शामिल किया जा रहा है। हम आशा करते हैं कि आने वाले समय मे इस विरोधाभास को पूर्ण रूप से ख़त्म कर दिया जायेगा और प्रतिभाग के लिए ट्रांसजेंडर खिलाड़ियों की एक अलग केटेगरी बना दी जायेगी।