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Kamchatka Disaster 2020: रूस के समुद्र तट में हुई इस तबाही ने सभी को चकित कर दिया है

कमचातका प्रायद्वीप (Kamchatka peninsula) का तट इन दिनों काफी सुर्ख़ियों में बना हुआ है। इसके सुर्ख़ियों में आने की वजह प्राक्रतिक आपदा है। ये आपदा है इकोलॉजिकल डिजास्टर (ecological disaster)

आपको बता दें कि कमचातका प्रायद्वीप  (Kamchatka peninsula) के जल में जहरीले पदार्थों ने 95% समुद्री जीवों को मार दिया है और वहां सर्फर में जाने वालों के लिए स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर दी हैं। हालांकि, अभी तक इसके पीछे कारणों का सिर्फ कयास ही लगाये जा रहे हैं। इसी को कमचातका डिजास्टर (Kamchatka disaster 2020) भी कहा जा रहा है।

कमचातका में हुई इस इकोलॉजिकल आपदा (ecological disaster) के बारे में बारीकी से जानने से पहले हम जान लेते हैं कमचातका प्रायद्वीप (Kamchatka Russia) के बारे में-

इस लेख के मुख्य बिंदु-

क्या है कमचातका प्रायद्वीप (Kamchatka peninsula)?

आपको बता दें कि कमचातका प्रायद्वीप (Kamchatka peninsula) रूस (Kamchatka Russia) के साइबेरिया क्षेत्र में स्थित है। बता दें कि Kamchatka peninsula साइबेरिया क्षेत्र के पूर्व में स्थित है। इसकी लंबाई 1250 किलोमीटर है। इसका क्षेत्रफल भारत के उत्तरप्रदेश राज्य से लगभग दो गुना है। यानी 472,300 वर्ग किमी है।  Kamchatka peninsula के पूर्व और पश्चिम में  दो महासागर हैं। जो इसकी सुन्दरता को और ज्यादा बढ़ा देते हैं। इसके पूर्व में प्रशांत महासागर है और पश्चिम में ओख़ोत्स्क सागर है।

कमचातका डिजास्टर (Kamchatka disaster 2020)

जैसा कि आपको मालुम ही है कि कमचातका प्रायद्वीप (Kamchatka peninsula) के तट पर इन दिनों पारिस्थिक आपदा का खतरा मंडरा रहा है।

अब आते हैं इस बात पर कि इस आपदा की शुरुआत कैसे हुई थी? बता दें कि करीब 3 हफ्ते पहले कमचातका प्रायद्वीप के सबसे बड़े कसबे पेट्रोपाव्लोव्स्क -कमचाट्स्की के बाहर ख़लकतीरस्की बीच पर सर्फिंग के लिए कुछ लोग गये हुए थे। सर्फिंग के बाद जब वो लोग समुद्र तट से बाहर आए तो एक अजीब सी शिकायत सभी ने की, सभी की आँखों में जलन, बुखार, दर्द और आँखों की रौशनी के कम होने की शिकायत आने लगी। इस शिकायत के बाद वहां के लोग हरकत में भी आए और प्रशासन से शिकायत भी की गई थी।

एक सर्फर ने बीबीसी को बताया था, “आमतौर पर हम सर्फिंग के एक दिन बाद अच्छा महसूस करते हैं, लेकिन उस समय हमारी आंखें जल रही थीं।” “केवल कुछ फीट आगे देखना मुश्किल था”।

क्रोनोटस्की नेचर रिजर्व के इवान उसाटोव ने कहा, “95 प्रतिशत जीव मृत हैं, अन्य वैज्ञानिकों और कमचातका के गवर्नर व्लादिमीर सोलोडोव के साथ बैठक के दौरान कहा था कि “कुछ बड़ी मछली, चिंराट और केकड़े बच गए हैं, लेकिन बहुत कम संख्या में”।

3 अक्टूबर 2020 को ट्विटर पर साझा की गई तस्वीर ने सबको चकित कर दिया था

3 अक्टूबर 2020 को प्रशांत महासागर में जाने वाली नदी के उपग्रह की तस्वीर ट्विटर पर शेयर की गई थी। उन तस्वीरों में नदी के पानी का रंग पीला नज़र आ रहा था। गौर करने वाली बात ये भी है कि नदी के अगले हिस्से में सेना का एक शिविर भी है।

कमचातका डिजास्टर (Kamchatka disaster 2020) के पीछे की वजह तलाश रही सरकार

कमचातका प्रायद्वीप (Kamchatka peninsula) की सरकार ने एक जांच शुरू की है और शोधकर्ताओं की एक टीम ने स्थानीय नदियों के साथ-साथ समुद्री जल के नमूने एकत्र करना और उनका विश्लेषण करना शुरू कर दिया है।

रूस के पर्यावरण मंत्री Dmitrij Kobylkine ने क्या कहा?

रूस के पर्यावरण मंत्री Dmitrij Kobylkine का दावा है कि चल रही आपदा प्राकृतिक कारणों से है। “तूफान के बाद, इस क्षेत्र में सूक्ष्मजीव विषाक्तता में वृद्धि हुई, जिससे ऑक्सीजन का स्तर बदल गया, इसी कारण से ये आपदा हुई है।”

सरांश

कमचातका प्रायद्वीप यूनेस्को की वैश्विक विरासत स्थल में शामिल है। इसलिए ये आपदा इतनी बड़ी नज़र आ रही है। वहां की सरकार भी हरकत में आ गई है और गलतियों का पता लगाने में लगी हुई है। तमाम बायोलॉजिस्ट का मानना है कि अब हमको पर्यावरण के प्रति और सजग होने की ज़रूरत है। जब-जब इंसान पर्यावरण को नज़रअंदाज़ करता है तब-तब ऐसी आपदा आती हैं। इस आपदा के पीछे भी एक बहुत बड़ा कारण टॉक्सिक वेस्ट का है।