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United Nations के हस्तक्षेप के बाद हुआ था India Pakistan War of 1965 का अंत



भारत की आजादी के बाद 1965 में भारत और पाकिस्‍तान के बीच जो war हुआ वह भुलापाना मुश्किल है। दोनों देशों के बीच हुई इस जंग की नीव तो 1947 में आजादी के समय ही रख दी गयी थी। उस समय भी कश्‍मीर दोनों देशों के बीच विवाद की एक मुख्य वजह था। भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक चार बड़ी जंग लड़ी जा चुकी हैं, मगर इन चारों ही युद्ध में विजय भारत को ही मिली है। वर्ष 1965 के war में भी कुछ ऐसा ही हुआ था, जब संयुक्त राष्ट्र संघ के हस्तक्षेप के बाद यह युद्ध समाप्त हुआ था।

इस लेख में आपके लिए है:

India Pakistan wars: एक नजर में

1965 War: महत्वपूर्ण विवरण

United Nations Intervention के बाद युद्ध का अंत

युद्ध विराम के बाद

नहीं सुधरा पाकिस्तान

निष्कर्ष

1965 War में पाकिस्तान के लाहौर के बाहर तक भारत की सेना पहुंच चुकी थी। बड़ी ही आसानी से सियालकोट और लाहौर पर भारतीय सेना का कब्जा जमाना मुमकिन था, लेकिन 1965 वॉर, द इंसाइड स्टोरी: डिफेंस मिनिस्टर वाई बी चव्हाण डायरी ऑफ इंडिया-पाकिस्तान वॉर नामक किताब में तत्कालीन रक्षा मंत्री यशवंत राव चव्हाण ने लिखा है कि तत्कालीन सेना प्रमुख जयंतो नाथ चौधरी के भारतीय सेना के पास उपलब्ध गोला-बारूद की गलत जानकारी प्रधानमंत्री को देने की वजह से भारतीय सैनिकों को अपने पांव पीछे खींच लेने पड़े थे। भारत हमेशा शांति चाहता रहा है। 1965 के युद्ध में भी भारत ने आखिरकार शांति का ही रास्ता अपनाया, लेकिन पाकिस्तान के हर नापाक कदम का जवाब भी भारत ने बखूबी दिया है।