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भारतीय प्रारूप समिति और संविधान सभा से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य, आइए जानते हैं

हमारा देश भारत १५ अगस्त १९४७ को अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ, लेकिन आजादी से पहले ही स्वतंत्रता सेनानियों के बीच संविधान को लेकर सुगबुगाहट होने लगी थी। संविधान सभा की पहली बैठक ९ दिसम्बर १९४६ को नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन हाल में हुई थी। श्री सच्चिदानंद सिन्हा उस वक्त संविधान सभा के अस्थायी अध्यक्ष निर्वाचित किए गए थे। लेकिन बाद में ११ दिसंबर १९४६ को डॉं. राजेन्द्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष बनाया गया।

दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के लिए संविधान बनाना कोई आसान काम नहीं था, इसे बनाने में पूरे २ साल ११ महीने और १७ दिन का वक्त लगे। १३ दिसंबर साल १९४६ को संविधान सभा जवाहर लाल नेहरू की ओर से पेश किए गए उद्देश्य प्रस्‍ताव के साथ शुरू हुई। जिसके बाद १६५ दिनों के ११ सत्र भी बुलाए गए।

भारत की आजादी के बाद देश के लीडरों के सामने सबसे बड़ा सवाल ये रहा कि देश कैसे चलाया जाए, मतलब देश का संविधान कैसा हो। जिसके लिए आजादी के महज कुछ ही दिनों बाद २९ अगस्त १९४७ को संविधान सभा ने संविधान का मसौदा तैयार करने के लिये एक सात सदस्यीय ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन किया। जिसका नेतृत्व डॉं. बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने किया।

प्रारूप समिति ने संविधान के प्रारूप पर सोच विचार करने के बाद २१ फरवरी साल १९४८ को संविधान सभा को अपनी रिपोर्ट पेश की.। संविधान सभा के ग्यारहवें सत्र के आखिरी दिन २६ नवंबर १९४९ को हमारा संविधान स्वीकार किया गया। जिसके बाद २४ जनवरी १९५० को २८४ सदस्यों ने इस पर हस्ताक्षर किया। इसके बाद २६ जनवरी १९५० को हमारा संविधान देशभर में लागू किया गया। देशभर में संविधान के लागू होते ही संविधान सभा को भंग कर दिया गया।

प्रारुप समिति (Drafting Committee) के सदस्य

बाद में बी. एल. मित्र की जगह एन. माधव राव और डी. पी. खेतान की जगह पर टी. टी. कृष्माचारी को सदस्य बनाया गया।

भारतीय संविधान सभा और प्रारुप समिति से जुड़ी कुछ अहम बातें

निष्कर्ष

कुछ तरह से ही प्रारूप समिति के सदस्यों ने मिलकर तैयार किया गया आजाद भारत का संविधान। ये संविधान देश में लागू भी कर दिया गया। लेकिन जैसे- जैसे समय बीतता गया, संविधान में संशोधन की मांग भी तेज होने लगी। जरुरत के अनुसार संविधान में कई बार संशोधन किया भी जा चुका है। भारतीय संविधान सभा, उसके संशोधन और प्रारुप समिति से जुड़ी कोई भी आप अपनी राय हमें दे सकते हैं।