हिन्दू कैलंडर और ग्रेगरीयन कैलंडर क्या एक समान हैं?

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हमारे रोज़मर्रा के जीवन से संबन्धित एक वस्तु है जो विभिन्न रूपों में दुनिया के हर घर में उपलब्ध होती है। इस वस्तु का रूप चाहे कोई भी हो, लेकिन उपयोग एक ही होता है। हालांकि डिजिटल तकनीक भी इस वस्तु की अहमियत को कम नहीं कर सकी है। यह वस्तु है कैलंडर।

 

कैलंडर का इतिहास :

एक नियमित क्रम में दिन, सप्ताह, महीने और वर्षों की सूची को कैलंडर कहा जाता है। ऐतिहासिक दृष्टि से 3761 ई. पू. यहूदी कैलंडर सबसे पहला कैलंडर माना जाता है। इसके बाद समय-समय पर चीनी (2367 ई.पू.), जूलियन (45 ई.पू.), ईसाई, हिन्दू, इस्लामी आदि कैलंडर की शुरुआत की गई। लेकिन समय के साथ केवल ग्रेगरीयन और हिन्दू कैलंडर का प्रचलन सबसे अधिक होने लगा। लेकिन क्या दोनों कैलंडर एक समान हैं या इनमें कुछ अंतर हैं, आइये देखें :

ग्रेगरीयन कैलंडर:

अंतर्राष्ट्रीय रूप से स्वीकृत और पश्चमी कैलंडर के नाम प्रसिद्ध ग्रेगरीयन कैलंडर की शुरुआत तेरहवें पॉप ग्रेगरी ने 1482 में की थी। यह कैलंडर जूलियन कैलंडर का सुधरा हुआ रूप था जो पहले ही रोमन का और रोमन , लुनार कैलंडर के सुधार थे। मूल रूप से लुनर कैलंडर सौर कैलंडर था जिसमें समय की एक इकाई को दिन के रूप में माना गया था। इसे वर्ष बनाने के लिए 12 समान इकाइयों में बांटा गया था जिन्हें महीने कहा गया और इन महीनों में कुल 365 और 366 दिन होते थे। इसमें प्रति चार वर्ष के बाद एक लीप वर्ष होता था जिसमें वर्ष में 366 दिन होते थे।

हिन्दू कैलंडर :

हिन्दू कैलंडर भारत का मुख्य आधिकारिक कैलंडर है। इसे शक कैलंडर या शक संवत भी कहा जाता है। यह कैलंडर खगोल विज्ञान के नियमों और तथ्यों पर आधारित था। इसमें गणना तारों, ग्रहों, सूरज और चाँद की स्थिति के आधार पर की गई थी।

ग्रेगरीयन बनाम हिन्दू कैलंडर :

हिन्दू कैलंडर और पश्चमी कैलंडर के नाम से प्रचलित ग्रेगरीयन और शक संवत कैलंडर में काफी विभिन्नताएँ पाई जातीं हैं।

  1. ग्रेगरीयन कैलंडर की गणना पृथ्वी की घूर्णन गति पर आधारित हैं वहीं हिन्दू कैलंडर पृथ्वी के चक्कर लगाते चाँद पर आधारित है।
  2. ग्रेगरीयन कैलंडर के हर माह में 30 और 31 दिन होते हैं जबकि हिन्दू कैलंडर में केवल 28 दिन ही होते हैं। हिन्दू कैलंडर वर्ष के अंत में अथार्थ 30 माह के बाद एक माह अतिरिक्त जोड़ देता है जिसे ‘अधिक मास’ कहा जाता है।
  3. ग्रेगरीयन कैलंडर में वर्ष की शुरुआत 1 जनवरी को होती है जबकि हिन्दू कैलंडर में वर्ष 22 मार्च से होता है।
  4. ग्रेगरीयन कैलंडर में महीनों के नाम गिनती पर आधारित होते हैं जबकि हिन्दू कैलंडर में महीनों के नाम मौसम की स्थिति के आधार जैसे वैशाख(वसंत), श्रावण(सावन) आदि पर आधारित होते हैं।
  5. ग्रेगरीयन कैलंडर केवल चार मौसम या ऋतु बताता है जबकि हिन्दू कैलंडर में छह ऋतुएँ बताई गईं हैं।
  6. ग्रेगरीयन कैलंडर में दिन को 24 घंटों और हर घंटे को 60 मिनट में बांटा गया है। हिन्दू कैलंडर में दिन को 15 मुहूरत और 48 मिनटों में विभक्त किया गया है।
  7. ग्रेगरीयन कैलंडर में दिनों के नाम रोमन भगवान के नाम पर जबकि हिन्दू कैलंडर में हिन्दू देवी-देवताओं के नाम पर रखे गए हैं।

अंतर चाहे कोई भी हो, दोनों कैलंडर का उद्देशय एक ही है…की आपको रोज तारीख की सूचना दे।

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