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भारतीय संविधान कैसे बना

भारतीय संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है जिसके मुख्य प्रावधान विभिन्न अन्य देशों के संविधानों पर आधारित हैं। संविधान सभा द्वारा भारत का संविधान तैयार करने का विचार पहली बार 1934 में एम एन रॉय, ज़ो भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन के एक अग्रणी थे, ने सबके आगे रखा गया था। वर्तमान संविधान भारत की संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया था जिसका गठन 16 मई,1946 को कैबिनेट मिशन योजना के तहत हुआ था। संविधान तैयार करने के लिए ड्राफ्टिंग समिति का नियुक्तिकरण डॉ. भीम राव अमबेडकर की अध्यक्षता के तहत 29 अगस्त, 1947 को संविधान सभा द्वारा किया गया था।

ड्राफ्टिंग समिति में कुल सात सदस्य थे जिनको संविधान का एक मसौदा तैयार करने का कार्य सौंपा गया था। सभी सदस्यों के नाम निम्नलिखित है:

  1. डॉ. भीम राव अमबेडकर (अध्यक्ष),
  2. एन गोपाल स्वामी आयंगर,
  3. अलादी कृष्ण स्वामी आयार,
  4. डॉ. के एम मुंशी,
  5. सैयद मोहम्मद सादुल्लाह,
  6. एन माधव राव,
  7. टी टी कृष्णमचारी

इसके अतिरिक्त संविधान सभा ने बी एन राव को संवैधानिक सलाहकार के तौर पर नियुक्त किया था।

ड्राफ्टिंग समिति द्वारा तैयार भारत के संविधान का पहला मसौदा फरवरी 1948 में प्रकाशित किया गया था। भारत के लोगों को मसौदे पर चर्चा और संशोधन का प्रस्ताव करने के लिए आठ महीने का समय दिया गया था। सार्वजनिक टिप्पणी, आलोचनाओं और सुझावों के प्रकाश में, ड्राफ्टिंग समिति ने दूसरा मसौदा तैयार किया जिसे अक्टूबर 1948 में प्रकाशित किया गया था।

डॉ. बी आर अम्बेडकर ने संविधान का अंतिम मसौदा नवम्बर 4, 1948 को संविधान सभा में पेश किया था जिसके बाद मसौदे की हर धारा पर विस्तृत विचार-विमर्श तथा बहस की गई। सभी विचारों और संशोधनों को संविधान में सम्मिलित करने के बाद ड्राफ्ट संविधान को 26 नवम्बर, 1949 को संविधान सभा द्वारा पारित कर दिया गया जिसमें एक उद्देशिका, 395 आर्टिकल तथा 8 अनुसूचियाँ शामिल थी।

भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को अस्तित्व में आया और हर साल इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में देशभर में मनाया जाता है। जनवरी 26 क़ो विशेष रूप से संविधान के प्रारंभ होने की तिथि के रूप में इसलिए चुना गया था क्योंकि सन् 1930 में इसी दिन “पूर्ण स्वराज” मनाया गया था जिसका संकल्प दिसंबर 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर सत्र के दौरान लिया था। संविधान सभा को संविधान तैयार करने में 2 साल, 11 महीने और 17 दिन का समय लगा तथा तैयारी में लगभग 6.4 करोड़ रुपए की लागत आई थी।