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दिल्ली सरकार का कोरोना के विरुद्ध ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP)

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देश की राजधानी दिल्ली मे लगातार कोरोना के ओमीक्रॉन वर्ज़न के संक्रमण मे तेज़ी देखी जा रही है, पिछले दो दिनों मे दिल्ली मे कोरोना की संक्रमण दर 0.55% से 0.68% दर्ज की गयी है। ऐसे मे दिल्ली सरकार जल्द ही अपना ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) या कलर-कोडेड एक्शन प्लान लागू कर सकती है। दिल्ली सरकार कोरोना को लेकर काफी गंभीर दिखाई दे रही है, इसीलिए उसने August 2021 मे ही ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) या कलर-कोडेड एक्शन प्लान को मंजूरी दे दी थी। आइये दिल्ली सरकार का कोरोना के विरुद्ध ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के बारे मे विस्तार से जानते हैं।

दिल्ली सरकार का  ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) /कलरकोडेड एक्शन प्लान क्या है?

लेख शुरू करने से पहले मैं एक बात यहाँ पर साफ़ कर दूँ, ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) और कलर-कोडेड एक्शन प्लान दोनों एक ही हैं। दिल्ली सरकार ने जब इस प्लान को बनाया और मंजूर किया था, उस समय इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (Graded response action plan -GRAP) नाम से जाना गया था। चूँकि इस प्लान की रूपरेखा कलर कोड आधारित है, इसलिए इसे कलर-कोडेड एक्शन प्लान भी कहा जा रहा है।

इस प्लान के तहत दिल्ली सरकार ने कोरोना की संक्रमण दर (पॉजिटिविटी रेट), एक सप्ताह के अंदर नये केसों की संख्या और इतने ही समय मे अस्पतालों मे ऑक्सीजन बिस्तरों  के भरने की संख्या के आधार पर अलर्ट जारी करने की रूपरेखा तैयार की है। दिल्ली मे पॉजिटिविटी रेट, नये केसों की संख्या और ऑक्सीजन बेड ऑक्यूपेंसी के आधार पर अलर्ट की पाबंदियों को चार रंगों (कलर) से संदर्भित किया है। जिसमे पीला (यलो), एम्बर, नारंगी (ऑरेंज) और लाल (रेड) अलर्ट शामिल हैं।

दिल्ली के नागरिक इन रंगों पर आधारित कलर-कोडेड एक्शन प्लान के माध्यम से इस बात का पता लगा पाएंगे कि कौन-कौन सी सार्वजानिक सेवाओं पर पाबन्दी लगी है और क्या –क्या सार्वजानिक सेवायें सीमित सुविधा के साथ संचालित की जा रही हैं। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने कलर-कोडेड एक्शन प्लान की पाबंदियों और संक्रामकता को प्रदर्शित करने के लिए इसे लेबल के साथ प्रस्तुत किया है, जो इस प्रकार से है- यलो (लेवल-1), एंबर(लेवल-2), ऑरेंज(लेवल-3) और रेड(लेवल-4) है।

यलो अलर्ट (लेबल -1) कब लागू होगा?

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, लगातार दो दिनों तक कोरोना संक्रमण की दर 0.5 प्रतिशत या नए मामलों की संख्या 1,500 (एक सप्ताह के अंदर) या फिर ऑक्सीजन युक्त बेड्स पर मरीजों की संख्या 500 (एक सप्ताह के अंदर) तक पहुंच जाने पर यलो (लेवल-1) अलर्ट घोषित किया जाएगा।

ये रहीं यलो अलर्ट (लेबल -1) की गाइडलाइन

एम्बर अलर्ट (लेबल -2) कब लागू होगा?

यदि कोरोना संक्रमण दर (पॉजिटिविटी रेट) लगातार दो दिनों तक 1 प्रतिशत से अधिक बनी रहती है, या एक सप्ताह में 3,500 नए मामले, या एक सप्ताह के दौरान औसत ऑक्सीजन बेड ऑक्यूपेंसी 700 से अधिक रहती है।  तो शहर प्रतिबंधों के अगले चरण यानि एम्बर अलर्ट में प्रवेश कर जायेगा।

ये रहीं एम्बर अलर्ट (लेबल -2) की गाइडलाइन

ऑरेंज अलर्ट (लेबल -3) कब लागू होगा?

यदि राज्य में लगातार दो दिनों तक संक्रमण दर 2% बनी रहती है या पिछले सात दिनों के अंतगर्त 9,000 मामले दर्ज होते हैं या सात दिनों के अंदर अस्पताल में ऑक्सीजन बिस्तरों की ऑक्युपेंसी 1000  रहती है। तब इस स्थित में राज्य या शहर में ऑरेंज अलर्ट (लेबल -3) लागू कर दिया जायेगा।

ये रहीं ऑरेंज अलर्ट (लेबल -3) की गाइडलाइन

रेड अलर्ट (लेबल -4) कब लागू होगा?

यदि राज्य में परीक्षण सकारात्मकता दर लगातार दो दिनों में 5 प्रतिशत से अधिक हो जाती है, या शहर में एक सप्ताह में 16,000 नए मामले दर्ज होते हैं या अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड का औसत एक सप्ताह में 3,000 या उससे अधिक रहता है। इस स्थित में राज्य या शहर में रेड अलर्ट (लेबल -4) लागू  हो जायेगा।

ये रहीं रेड अलर्ट (लेबल -4) की गाइडलाइन

ऐसे सेक्टर्स जो अलर्ट के दौरान खुले रहेंगे

कलर कोडेड एक्शन प्लान के दौरान दिल्ली में प्रवेश करने वाले यात्रियों के लिए गाइडलाइन

ऐसे राज्यों से आने वाले व्यक्तियों के लिए, जहाँ कोरोना संक्रमण दर 5% है या कोविड का नया स्ट्रेन पाया गया है या रेड अलर्ट घोषित एरिया से हैं, को  टीकाकरण या नेगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट(3 दिनों की) देनी अनिवार्य होगी।

सारसंक्षेप

कोरोना के मद्देनज़र दिल्ली सरकार ने  नाईट कर्फू, रैली, सार्वजनिक सभाओं पर रोक तथा मेट्रो का 50% क्षमता के साथ संचालन आदि कदम उठाये हैं। लेकिन देखने योग्य बात यह है कि दिल्ली सरकार कब अपने कलर-कोडेड एक्शन प्लान को अमल में लाएगी क्योकि पिछले 2-3 दिनों में कोरोना परीक्षण संक्रमण दर 0.50% से अधिक ही रही है। नए साल का जश्न आने वाला है, लोग बेपरवाह होकर बिना कोरोना गाइड लाइन की परवाह किये हुए, सार्वजनिक स्थानों पर एकत्रित हो रहे हैं। मास्क का उपयोग काफी कम हो गया है, केवल covid टीकाकरण के भरोसे सभी कोरोना नियमों को ताक पर रख रहें हैं। ऐसी स्थिति में कोरोना की तीसरी लहर यदि भयानक रूप लेकर सामने आती है ,तब इस लापरवाही का जिम्मेदार कौन रहेगा।

आम नागरिक? राज्य सरकार? या केंद्र सरकार? यह सबसे बड़ा प्रश्न बनकर सामने आने वाला है , क्योकि अभी की स्थिति के अनुसार आम नागरिक केवल आज के जश्न में मशरूफ है, राज्य सरकार प्लान बनाकर उसे लागू करना भूल गयी है और केंद्र सरकार को अभी 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने हैं। तब प्रश्न यही उठता है, कोरोना की तीसरी लहर के गंभीर परिणामो का जिम्मेदार कौन होगा?, तो इस लेख के माध्यम से हमारा अपने पाठकों से यही अनुरोध है, कि आपने कोरोना की दो लहरों में अपनी लड़ाई खुद लड़ी है, सरकार के सभी इंतजाम धरे के धरे रह गए थे। तो समझदार बने, इस नए साल के जश्न के दौरान जितना भी हो सके सार्वजनिक स्थानों से दूरी बनाकर रखे, ओमीक्रॉन के संक्रमण से बचाव के लिए अभी तक कोई भी वैक्सीन 100% कारगर नहीं है। अतः अपना और अपनों का ख्याल रखे और घर में रहकर नये साल का स्वागत करें, जय हिन्द।