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दादरा-नागर हवेली और दमन-दीव के विलय की दास्तां



साल 2019 में आपने टीवी डिबेट में एक टॉपिक पर बहस होते हुए देखा होगा, वो टॉपिक था ‘दादरा-नागर हवेली और दमन दीव’ (संघ राज्य क्षेत्रों का विलयन विधेयक 2019) आज हम उसी टॉपिक पर बात करेंगे लेकिन टीवी डिबेट से इतर जाकर हम इसे आपके लिए UPSC डिबेट का टॉपिक बनाएंगे।

इस टॉपिक से UPSC Prelims और Mains में कई सवाल पूछे जाते हैं, उस लिहाज से भी हमारी कोशिश होगी कि हम हर बारीकी पर बात करें।

इस लेख की गजब बातें-

सबसे पहले हम थोड़ा सा बैक ग्राउंड में चलते हैं और जानते हैं आखिर UT( Union Territories) यानी केंद्र शासित प्रदेश क्या होते हैं।

केंद्र शासित प्रदेश होते क्या हैं?

‘भारत’ के प्रशासनिक ढांचे को अगर आप देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि देश में सभी राज्यों की अपनी चुनी हुई सरकारें होती हैं, लेकिन केंद्र शासित प्रदेश पर सीधा सेंट्रल पर बैठी हुई केंद्र सरकार का शासन होता है।

सरल भाषा में समझते हैं कि ‘ऐसे क्षेत्र जिनके ऊपर कंट्रोल सेंट्रल गवर्नमेंट का होता है, ये क्षेत्र राज्य नहीं होते हैं, वैसे क्षेत्रों को केंद्र शासित प्रदेश कहा जाता है।’

क्या हुआ था 31 अक्टूबर 2019 को?

पिछले काफी समय से विद्यार्थी पढ़ते आ रहे थे कि देश में 7 केंद्र शासित प्रदेश हैं, लेकिन 31 अक्टूबर 2019 को दोनों सदन से एक कानून पारित किया गया, इस विधेयक में ये था कि अब से देश में 7 नहीं बल्कि 9 केंद्र शासित प्रदेश होंगे, उनके नाम थे जम्मू एंड कश्मीर और लद्दाख। याद रखियेगा तारीख थी 31 अक्टूबर 2019।

आता है एक और विधेयक 2019

इस विधेयक के समसमायिक घटनाक्रम को हम समझते हैं, इस विधेयक को दोनों सदन से पास कर दिया गया था, इस विधेयक के अनुसार दो केंद्र शासित प्रदेशों का मर्जर हुआ,  ये केंद्र शासित प्रदेश हैं – दादरा नागर हवेली और दमन दीव। इन दोनों केंद्र शासित प्रदेशों को मर्ज करके इनको नया नाम दिया गया है, इनका नया नाम होगा- यूनियन टेरिटरी ऑफ दादरा नागर हवेली और दमन दीव।

दादरा नागर हवेली और दमन दीव का विलय

किसी भी मुद्दे के गहन अध्ययन के लिए सबसे ज़रूरी बात होती है कि आप उसके जड़ के बारे में कितना जानते हैं, चलिए सबसे पहले हम आपको रूबरू करवाते हैं दादरा नागर हवेली की भगौलिक स्थिति से, इसकी स्थति समझने के बाद कांसेप्ट आपके दिमाग में और ज्यादा क्लियर हो जाएगा।

सबसे पहले आपको नक़्शे में अरब सागर, महाराष्ट्र, गुजरात, दादरा नागर हवेली और दमन दीव की स्थति पर नज़र डालनी पड़ेगी।

दमन और दीव की भगौलिक स्थति

अब आप मैप पर ध्यान दीजिए जैसा कि हमने आपसे पहले ही बोला था, ये मुंबई के करीब अरब सागर में स्थित है। दमन केंद्र शासित प्रदेश तो है ही, साथ ही ये गुजरात के वलसाड जिले के भी नजदीक स्थित है। दार्शनिक नदी और मुख्य नदी को लेकर काफी बार सवाल पूछा गया है, तो आपको बता दें कि यहां की मुख्य नदी ‘दमनगंगा नदी’ है।

विलय के बाद नाम

आपको बता दें कि विलय के बाद अब इस यूनियन टेरिटरी का नाम ‘दादरा नागर हवेली और दमन दीव’ होगा।

आखिर समस्या कहां थी, क्यों किया गया विलय?

केंद्र सरकार जब भी कोई फैसला लेती है तो उसके पीछे कोई ना कोई ठोस कारण भी ज़रूर होता है, इसके बाद भी आपके मन में सवाल आना चाहिए कि आखिर विलय क्यों हुआ, अगर आपके मन में ये सवाल नहीं आ रहा तो भी आपको बता दें कि ये सवाल UPSC Mains में पूछा जा सकता है।

इस विलय के बाद लाभ क्या होगा?

आज से नहीं बल्कि आदि अनादी काल से सियासत लाभ और हानि के कांसेप्ट पर चल रही है, अब इस सवाल के जवाब की एक लिस्ट हम आपको दे रहे हैं।

ये लिस्ट ग्रह मंत्रालय के तर्क से ली गई है-

ये तो रहे सरकारी तर्क जिन्हें आप ग्रह मंत्रालय की वेब साईट पर पढ़ भी सकते हैं, अब इन तर्कों पर आप भरोसा करें या ना करें, सरकार ने तो कर ही लिया है।

कुछ आशंकाएं और उनके समाधान

विपक्ष और मीडिया का काम ही होता है सरकारी नीतियों का शाश्वत प्रतिपक्ष बनना, विपक्षियों ने कुछ आशंकाएं भी दर्ज कराई हैं, सरकार ने उसका समाधान भी बताया है, आइए एक नज़र इस पहलु पर भी डालते हैं-

इस सवाल का जवाब देते हुए ग्रह मंत्री अमित शाह ने कहा “संविधान के आर्टिकल 3 (ए) के तहत, सरकार के पास ये अधिकार मौजूद है कि वो दो क्षेत्रों को मिलाकर एक क्षेत्र बना सके, हम हर कार्य संविधान के अंतर्गत ही कर रहे हैं।”

UPSC Prelims Facts दादरा नागरा हवेली की जनजातियां

आपको अब जनजातियों से रूबरू करवाते हैं, इन्हें याद कर लीजियेगा, हर साल इससे जुड़े सवाल पूछे जाते हैं।

दमन दीव की जनजातियां

सरांश

केंद्र सरकार के इस कदम से राष्ट्रीय अपव्यय में कितनी बचत हुई या होगी ये तो आने वाला समय ही बतायेगा, लेकिन competitive exams में इससे जुड़े सवाल ज़रूर पूछे जा सकते हैं, इसलिए इस टॉपिक को अच्छे से समझ लें और सरकार के इस कदम के पीछे क्या वजह थी को भी अच्छे से याद करलें।