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योग में कैरियर, भविष्य और अवसर



क्या आप बेरोजगार है या फिर एक स्थायी रोजगार की तलाश कर रहे है? यदि आपका जबाव हां में है तो हमारा ये लेख भी आप ही के लिए हैं क्योंकि, हम अपने इस लेख में, आपको Career, Future Scope and Opportunities in Yoga की पूरी व विस्तृत जानकारी प्रदान करेंगे क्योंकि योग, भारत सहित पूरे विश्व मे, उभरता हुआ एक ऐसा क्षेत्र हैं जिसका भविष्य उज्जवल है जिसे अपना कर हम, आप और हमारे युवा अपने बेहतर कल का निर्माण कर सकते हैं और एक स्थायी रोजगार प्राप्त कर सकते हैं जिससे ना केवल हमारे शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य सशक्तिकरण होगा बल्कि योग का विश्व में, प्रचार-प्रसार भी होगा जिससे विश्व में योग के लाभो व गुणो के प्रति जागरुकता आयेगी और लोग योग की तरफ आकर्षित होंगे। इस प्रकार योग को आप अपने करियर के रुप में, अपना सकते हैं और योग को लेकर एक नई शुरुआत कर सकते हैं जिसके दूरगामी सकारात्मक लाभो की प्राप्ति आपको होगी।

इन बिंदुओ पर होगी चर्चा

योग क्या है? (What is Yoga?)

अपने सभी पाठको व योग-प्रेमियो को योग की पूरी जानकारी देने के लिए हम, कुछ बिंदुओ की मदद लेंगे जो कि, इस प्रकार से हैं –

योग, संस्कृत भाषा का एक शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ जोड़ना, बांधना या एकता है। मूल रुप से योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के ’’ युज ’’ धातु से हुई है जिसका अर्थ होता है जुड़ना या बांधना।

योग शब्द के अलग-अलग मायने है जैसे कि, योग शब्द का अर्थ आध्यात्मिक संदर्भो में, व्यक्तिगत चेतना व सार्वजनिक चेतना का एकीकृत स्वरुप होता है। योग शब्द का अर्थ व्यावहारिक स्तर पर मानवीय स्वभाव व अंगो के बीचे बेहतर तालमेल से होता है आदि।

हमने कई तरह के विज्ञानो के बारे मे, सुना हैं लेकिन उनके मूल में, सिर्फ एक ही विज्ञान कार्य करता है और वो है जीवन विज्ञान जो कि, योग का पर्यायवाची या फिर समानार्थक है। योग की मदद से हम, अपने जीवन जीने के ढंग को बदलते हैं, उसे संतुलित करते हैं और कही ना कही सरल बनाने का प्रयास करते हैं। इस प्रकार योग जो कि, एक जीवन विज्ञान है हमारे जीवन के आन्तरिक अंगो के संतुलन से लेकर हमारी मानसिकता,विचारधारा, भावनात्मक स्वरुप व अन्य महत्वपूर्ण पहलूओ को एक साथ लाकर उनमें मूलभुत सुधार करके हमारे जीवन को स्वस्थ और उज्जवल बनाता है।

योग, को मानवीय शरीर के लिए अति लाभकारी माना गया हैं जिससे हमारा शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य का बेहतर विकास होता है अर्थात् उनका स्वास्थ्य सशक्तिकरण होता हैं जिसके पीछे की मूल वजह ये है कि, योग संतुलन व एकीकरण के मौलिक सिद्धान्त पर कार्य करता है आदि।

ऊपर बताये गये बिंदुओ के आधार पर हमने आपको योग की मूलभुत जानकारी प्रदान करने की कोशिश की ताकि आप भी योग के प्रति जानकारी और जागरुक बन सकें।

योग के कौन-कौन से लाभ हैं?

योग, एक है लेकिन इसके लाभ अनेक हैं जिन्हें हम कुछ बिंदुओं की मदद से आपके समक्ष प्रस्तुत करना चाहते हैं जो कि, इस प्रकार से है –

  1. योग की मदद से हमारा शारीरिक जीवन व मानसिक जीवन स्वस्थ और ऊर्जावन बनता है,
  2. योग की मदद से हमारे दैनिक जीवन में, सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है,
  3. योग से हमारी एकाग्रता मे, वृद्धि होती है और साथ ही साथ हमारे शरीर की सभी इंद्रियो का समुचित विकास होता है,
  4. अनेको घातक बीमारियों जैसे कि – मधुमेह, अस्थमा, उच्च रक्तचाप, गठिया व पाचन विकारो को सफलतापूर्वक समाप्त करने की क्षमता योग में, पाई जाती है इसी वजह से इन बीमारियो के सफल उपचार के लिए अनेको बार योग करने का सुझाव दिया जाता हैं,
  5. योग हमारे दैनिक जीवन के तनाव व दबाव को समाप्त करता है और हमें, एक खुशनुमा जीवन प्रदान करता है आदि।

उपरोक्त योग के लाभो को प्राप्त करके हम ना केवल अपने सामाजिक जीवन को बल्कि व्यक्तिगत जीवन को भी योग के अनुसार नियोजित करके स्वस्थ व उज्जवल बना सकते है।

कितने प्रकार के योग होते हैं?

योग जानने वाले अधिकांश लोगो को योग के सभी प्रकारो की जानकार भली-भांति होगी लेकिन यदि आपको इसकी जानकारी नहीं है तो हम, आपको बता देते हैं कि, योग कुल 4 प्रकार के होते हैं जो कि, इस प्रकार से है-

  1. राज योग,
  2. कर्म योग,
  3. भक्ति योग और
  4. ज्ञान योग आदि।

योग करते समय हमें, क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

योग हमारे लिए फलदायी हो सकें इसके लिए बहुत जरुरी है कि, हम योग करने के दौरान कुछ मूलभुत सावधानियों को बरते जैसे कि –

  1. योग करने के लिए अपने भीतर धैर्य व आत्म-विश्वास का सृजन करें,
  2. योग करने के दौरान अपने शरीर के साथ या किसी भी तरह की जल्दबाजी करने की कोशश ना करें,
  3. शुरुआती दौर मे, कठिन आसन करने का प्रयास ना करें बल्कि केवल वहीं आसन करें जो आप आसानी से कर पाते हैं,
  4. योग करने वाली महिला को मासिक धर्म के दौरान योग नहीं करना चाहिए,
  5. योग के दौरान धूम्रपान व नशीली पदार्थो आदि का सेवन ना करें,
  6. सदैव पूरी नींद सोए व पौष्टिक व स्वास्थ्यवर्धक आहार का सेवन करें
  7. योग के दौरान अपनी श्वास गति को टूटने या बढने ना दें बल्कि उसे संतुलित बनाये रखें और
  8. लगातार योग करने की गलती ना करें बल्कि बीच-बीच में, कुछ समय अन्तराल लेते रहें आदि।

उपरोक्त सभी सावधानियों को बरतने के बाद हमारे सभी योगकर्ता, योग का पूरा लाभ प्राप्त कर सकते है और अपने जीवन को योगमय बनाकर स्वस्थ व उज्जवल बना सकते है।

Career, Future Scope and Opportunities in Yoga

यदि आप योग करने में, माहिर है, योग के सभी आसनो को सहजता से कर पाते है और विशेष आसान से विशेष लाभ प्राप्त कर पाते हैं तो आप योग को अपने प्रोफेशन अर्थात् व्यवसाय के तौर पर अपना सकते है और योग के उज्जवल भविष्य को अपनाकर अपने उज्जवल व बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते है।

योग को अपना व्यवसाय और योग में, अपना भविष्य बनाने के लिए आपको किस तरह से अपने सफर की शुरुआत करनी होगी इसकी एक तस्वीर हम, कुछ बिंदुओ की मदद से प्रदान करना चाहते हैं जो कि, इस प्रकार से है-

हम, सभी जानते हैं कि, योग सम्पूर्ण विश्व को प्राचीन भारत की देन है लेकिन खुद भारत में ही इसे लेकर लम्बे समय तक उपेक्षा का भाव बना रहा हैं लेकिन भारत के प्रधानमंत्री श्री. मोदी ने, योग को नये सिरे से स्थापित करने की मुहिम शुरु की है जिसके तहत हम, 21 जुन को ना सिर्फ भारत मे, बल्कि पूरे अन्तर्राष्ट्रीय विश्व में योगा दिवस को मानते हैं इसलिए Future Scope के रुप मे, योग एक उभरता हुआ उज्जवल क्षेत्र हैं जिसमें हमारे युवा आसानी से अपना करियर बना सकते हैं।

वर्तमान समय मे, योग की मांग तेजी से बढ चुकी है और लगातार बढ रही है और हम, कह सकते हैं कि, भविष्य बेहद उज्जवल है जिसे देखते हुए हमारे कई युवा Opportunities in Yoga की खोज कर रहे हैं तो हम, उन्हें कुछ अलग-अलग कोर्सो के बारे में, बताना चाहते हैं जिन्हें करके वे योग में अपना Future Scope बना सकते हैं। इन अलग-अलग कोर्सो की सूची इस प्रकार से हैं –

सर्टिफिकेट कोर्स इन योगा कुल ढेड़ माह का कोर्स हैं जिसमें आपको एच.एस.सी उत्तीर्ण करना होता है और इसकी विशेषता ये हैं कि, इसके लिए कोई आयु सीमा तय नहीं की गई है अर्थात् कोई भी आयु वर्ग का व्यक्ति इस कोर्स को कर सकता है।

बैचलर कोर्स इन योगा को हम, बैचलर इन आर्ट्स के रुप में, भी जानते हैं। इस कोर्स की कुल अवधि 3 साल है जिसमें दाखिला लेने के लिए आपको 12वीं कक्षा में, कम से कम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त होना चाहिए,

इस डिप्लोमा की कुल अवधि 6 माह हैं जिसे सफलतापूर्वक उत्तीर्ण करने पर आपको डिप्लोमा स्वरुप प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है।

पोस्ट ग्रेजुऐशन इन योगा के तहत आप कुल 1 साल की अवधि वाली पी.जी योगा थैरेपी डिप्लोमा का कोर्स कर सकते हैं और साथ ही साथ आप मास्टर ऑफ आर्ट्स इन योगा का कोर्स भी कर सकते है जिसकी कुल अवधि 2 वर्ष हैं आदि।

योग मे, करियर बनाने के लिए हमारे सभी विद्यार्थियो व लोगो केवल कोर्स की दस्तावेजी पात्रता को ही पूरा नही करना होगा बल्कि कुछ अन्य योग्यताओ की भी पूर्ति करनी होगी जैसे कि –

योग में, अपना करियर बनाने के बाद आपके सामने नौकरियो की एक लम्बी सूची खुल जायेगी जिसे करके आप प्रतिमाह 10,000 रुपयो से लेकर 25,000 रुपयो की आमदनी कर सकते हैं। योग के तहत आप इन नौकरीयो के लिए आवेदन कर सकते हैं जैसे कि –

उपरोक्त नौकरियो के लिए आप आसानी से आवेदन कर पायेगे।

योग का भविष्य क्या है?

हम, कोई भी कोर्स या विषय को जब हम, अपने करियर के तौर पर अपनाते हैं तो उसके भविष्य वाले पहलू पर खास जोर देते हैं ताकि कोर्स करने के बाद आगे चलकर हमें, पछताना ना पडे। इसी प्रकार हमारे कई विद्यार्थी है जो कि, योग को अपने करियर के तौर पर अपनाना चाहते हैं लेकिन इसके भविष्य को लेकर वे असमंजस की स्थिति मे, बने रहते हैं और इसी स्थिति को हम, दूर करना चाहते हैं ताकि हमारे सभी युवा, योग मे, अपना करियर बना सकें और अपन उजज्वल भविष्य का निर्माण कर सकें।

हम, सभी जानते  हैं कि, विदेशो से भारी मात्रा मे, लोग हमारे भारतवर्ष मे, आते हैं सिर्फ योग सीखने के लिए, कुछ आते हैं योग से अपनी बीमारीयो को समाप्त करने के लिए और कुछ आते हैं योग से संबंधित अपने ज्ञान के विस्तार के लिए।

इस प्रकार हम, समझ सकते हैं कि, जब विदेशो से लोग हमारे देश में, आते है योग सीखने के लिए तो योग का भविष्य कितना सुनहरा और उज्जवल हैं जिसे हमें, आसानी से अपना सकते हैं क्योंकि ये हमारी विरासत हैं और हमारी पहचान भी है जिसे अपना हम और हमारे युवा, योग में, अपना करियर बना सकते हैं और एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते हैं।

अंत, हमने आपको योग मे, करियर बनाने संबधी कुछ मूलभुत तथ्यो की जानकारी प्रदान की ताकि हमारे युवा व बेरोजगारी की मार झेल रहे युवा योग को अपने करियर के रुप में, अपना सकें और अपने भविष्य को योग से बेहतर बना सकें।

सारांश

इस लेख में, हमने अपने पाठको व योग प्रेमियो को योग संबंधी कुछ मौलिक जानकारी प्रदान की और साथ ही साथ हमने इस लेख में Career, Future Scope and Opportunities in Yoga की भी एक संतुलित तस्वीर प्रस्तुत की ताकि हमारे युवा अपने इस सांस्कृतिक विरासत को अपने करियर के रुप मे अपना सकें व योग की प्रसिद्धि को उजागर कर सकें।

योग – आपके सवाल और हमारे जबाव

सवाल – योग किसी भाषा का शब्द हैं?

जबाव – योग संस्कृत भाषा का शब्द है।

सवाल – योग को जीवन विज्ञान क्यूं कहा जाता हैं?

जबाव – योग को जीवन विज्ञान इसलिए कहा जाता हैं क्योकि योग हमें, जीवन जीने के सही और प्रासंगिक ढंग से अवगत करवाता हैं ताकि हम, अपने जीवन को स्वस्थ व उज्जवल तरीके से जी सकें।

सवाल – योग शब्द का शाब्दिक अर्थ क्या हैं?

जबाव – योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के ’’ युज ’’ से हुई हैं जिसका अर्थ होता हैं बांधना या जोड़ना।

सवाल – विश्व योग दिवस कब मनाया जाता हैं?

जबाव – 21 जून को।

सवाल – भारत में, योग को नई पहचान देने वाले राजनेता कौन हैं?

जबाव – भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री. मोदी।