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नवपाषाण (Neolithic) और ताम्रपाषाण (Chalcolithic) काल में कुछ ऐसे हुई कृषि की शुरुआत



कृषि अर्थव्यवस्था का आधार है। भारत अब भी कृषि प्रधान देश है। कृषि को दरकिनार करके किसी भी प्रकार का विकास संभव नहीं है। मगर क्या आपको मालूम है कि आखिर कृषि की शुरुआत हुई कैसे? कौन-थे वे लोग जिन्होंने सबसे पहले खेती करके अन्न उपजाना शुरू किया था? किस काल में हुई थी खेती की शुरुआत और किस तरह से कृषि के तौर-तरीकों में बदलाव होता चला गया? इन सभी सवालों के जवाब आपको इस लेख को पढ़ने के बाद मिल जाएंगे।

नवपाषाण काल में कृषि की तस्वीर (Agriculture in 
Neolithic Age)

नवपाषाण काल को मुख्य रूप से खाद्यान्न के उत्पादन एवं पशुपालन के लिए ही जाना जाता है। इसी काल में कृषि की शुरुआत हुई थी। दुनिया के संदर्भ में देखा जाए तो 9000 ई.पू. नवपाषाण काल की शुरुआत हुई थी, लेकिन बलूचिस्तान के मेहरगढ़ में जो कृषि से संबंधित प्रमाण मिले हैं, वे 7000 ई.पू. के बताये जाते हैं। कृषि की शुरुआत नवपाषाण काल में कब हुई, इसे लेकर अलग-अलग मत हैं। एक मत के अनुसार पूर्वनवपाषाणकाल में इसका आरंभ हुआ। दूसरे मत के अनुसार यह नवपाषाण काल में हुआ। कहां हुई शुरुआत, इसे लेकर भी अलग-अलग धारणाएं हैं। एक धारणा कहती है कि पश्चिम एशिया में शुरू होकर यह अन्य हिस्सों में फैला, जबकि दूसरी धारणा कहती है कि विभिन्न हिस्सों में स्वतंत्र रूप से इसका विकास हुआ। आईए डालते हैं एक नजर नवपाषाण में कृषि की शुरुआत से जुड़े कुछ खास तथ्यों परः

ताम्रपाषाण काल में कृषि का विवरण (Agriculture in Chalcolithic Age)

ताम्रपाषाण काल को धातु काल के नाम से भी जाना गया है, जहां तांबे और पत्थरों से निर्मित उपकरणों का इस्तेमाल साथ में हुआ करता था। निम्न गुणवत्ता वाले कांसे का इस्तेमाल भी इस दौरान हुआ था। ताम्रपाषाण काल में कृषि का विकास कुछ इस तरह से हुआ थाः

निष्कर्ष

कृषि की शुरुआत नवपाषाण काल में हो तो गई, मगर जैसे-जैसे समय बीतता गया, उत्पादन में सुधार के लिए खेती की नई-नई तकनीकें भी विकसित होती चली गईं। ताम्रपाषाण काल में तैयार हुए उपकरण इसकी पुष्टि करते हैं। तो बताएं, नवपाषाण और ताम्रपाषाण काल के किन-किन स्थलों का भ्रमण करने का मौका आपको मिल चुका है?