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असम रत्न पुरस्कार



असम सरकार की कैबिनेट बैठक ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वास सरमा की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए असम रत्न और असम पद्म पुरस्कारों की घोषणा की है। कैबिनेट ने राज्य में खेल पेंशन , साहित्य पेंशन एवं कलाकार पेंशन शुरू करने की भी घोषणा की है। ज्ञात हो असम रत्न पुरस्कार राज्य में पहले से ही प्रासंगिक है , किन्तु अभी तक यह 3 साल के अंतराल मे दिया जाता था। नयी घोषणा के अनुसार उक्त सभी पुरस्कार अब प्रतिवर्ष दिए जायेंगे। आइये जानते हैं असम रत्न पुरस्कार क्या है?

इस लेख में आपके लिए है ?

असम रत्न पुरस्कार क्या है?

· असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वास सरमा की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने गुवाहाटी में समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले नागरिकों को हर साल असम रत्न और असम पद्म पुरस्कारों से सम्मानित करने का फैसला लिया है।

· प्रतिवर्ष समाज में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले एक नागरिक को असम रत्न प्रदान किया जाएगा, वहीं तीन नागरिकों को असम विभूषण, दो को असम भूषण और 10 नागरिको को असम श्री प्रदान किया जाएगा।

· पुरस्कार स्वरुप असम रत्न पुरस्कार मे एक प्रशस्ति पत्र एवं 5 लाख रूपये नगद प्रदान किये जायेंगे।

· इसी प्रकार से असम विभूषण में प्रशस्ति पत्र एवं 3 लाख रूपये नगद, असम भूषण में प्रशस्ति पत्र एवं 2 लाख रूपये नगद तथा असम श्री में प्रशस्ति पत्र एवं 1 लाख रूपये नगद प्रदान किये जायेंगे।

· इसके अतिरिक्त असम रत्न एवं पद्म पुरस्कार विजेताओं को आजीवन गंभीर बीमारी मे मुफ्त चिकित्सा उपचार, राज्य परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा, असम भवनों में मुफ्त प्रवास जैसे लाभ भी प्रदान किये जायेंगे।

· असोम रत्न पुरस्कार पहले से ही प्रासंगिक और इसे पहले हर तीन साल में एक बार दिया जाता था, लेकिन अब यह 2021 से शुरू होकर हर साल दिया जाएगा।

असम रत्न पुरस्कार का इतिहास

· असम सरकार द्वारा स्थापित असम रत्न पुरस्कार राज्य का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। जो साहित्य, कला एवं संस्कृति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और समाज सेवा मे उत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है।

· इस पुरस्कार की स्थापना साल 2009 मे की गयी थी। सर्वप्रथम इस पुरस्कार को भारत रत्न भूपेन हज़ारिका को प्रदान किया गया था।

· साल 2010 मे साहित्य के क्षेत्र मे उत्कृष्ट योगदान के लिए डॉ मामोमी राइसम गोस्वामी को प्रदान किया था।

· साल 2015 मे विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के लिए डॉ वैज्ञानिक जीतेन्द्र नाथ गोस्वामी को दिया गया था।

असम रत्न प्राप्तकर्ता

डॉ भूपेन हजारिका

· भूपेन हजारिका बहुमुखी प्रतिभा के धनी व्यक्तित्व के मालिक थे , वे असमिया भाषा के कवि, फिल्म निर्माता, लेखक और असम की संस्कृति और संगीत के अच्छे जानकार भी थे।

· भूपेन हजारिका एक गीतकार , संगीतकार तथा गायक तीनो ही थे। वे अपने गीत स्वयं लिखते थे, संगीत बनाते थे और गाते भी थे। बॉलीवुड में भी उनके गीतों की काफी लोकप्रियता रही थी। रुदाली फिल्म का उनका गीत ‘दिल हूम हूम करे ‘ आज भी दिल की गहराइयों में उतर जाता है।

· भूपेन हजारिका का जन्म साल 1926 मे असम के सादिया गांव में हुआ था। उनके पिताजी का नाम नीलकांत एवं माताजी का नाम शांतिप्रिया था।

· भूपेन हज़ारिका के संगीत की प्रथम पाठशाला उनकी माता थी, भूपेन ने अपना पहला गीत 10 वर्ष की आयु मे लिखा और गाया था।

· भूपेन हज़ारिका की उच्च शिक्षा बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय से राजनीतिक विज्ञान मे एम.ए तथा उसके बाद न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय से उन्होंने पीएचडी थी।

· भूपेन हज़ारिका को साल 1992 मे दादा साहब फाल्के पुरस्कार , साल 2009 मे असम रत्न पुरस्कार , साल 2011 मे पद्म भूषण तथा साल 2019 मे सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

· भूपेन दा ने असमिया, बांग्ला तथा हिंदी भाषा में गीत गाये थे। 5 नवम्बर 2019 को भूपेन दा हम सभी को छोड़कर स्वर्ग सिधार गये।

डॉ मामोमी राइसम गोस्वामी

· असम साहित्य जगत मे ख्याति प्राप्त लेखिका डॉ मामोमी राइसम गोस्वामी का जन्म 14 नवम्बर 1942 मे गुवाहाटी में हुआ था। उन्होंने भारत मे महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया था।

· डॉ मामोमी राइसम गोस्वामी को भारत सरकार तथा उल्फा (युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम) के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाने की राजनैतिक पहल करने मे अहम योगदान देने के लिए जाना जाता है।

· गुवाहाटी विश्वविद्यालय से असमिया मे एम.ए तथा ‘माधव कांदली एवं गोस्वामी तुलसीदास की रामायण का तुलनात्मक अध्ययन’ पर पी एच डी की थी। उन्हें रामायण साहित्य में विशेषज्ञता के लिए साल 1999 मे मियामी के फ्लोरिडा अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय तुलसी पुरस्कार मिला था।

· साल 1983 मे डॉ मामोमी को उपन्यास ‘मामारे धारा तारवल’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार प्रदान किया गया था। साल 2000 में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया था।

· साल 2002 मे डॉ मामोमी ने भारत सरकार का पद्मश्री पुरस्कार लेने से इंकार कर दिया था। साल 2010 मे असम साहित्य मे उनके योगदान के लिए उन्हें असम रत्न पुरस्कार प्रदान किया गया था।

· जीवनभर नारी सशक्तीकरण की बात उठाने वाली तथा सामाजिक कुरीतियों पर लिखने वाली डॉ मामोमी का निधन नवम्बर 2011 मे हो गया।

डॉ जीतेन्द्र नाथ गोस्वामी

· चंद्रयान मिशन मे देश की शान बढ़ाने वाले और जाने-माने वैज्ञानिक जीतेन्द्र नाथ गोस्वामी का जन्म 18 नवंबर 1950 मे असम के जोरहाट मे हुआ था।

· जीतेन्द्र नाथ की प्रारंभिक शिक्षा जोरहाट से पूरी हुई थी, इसके बाद उन्होंने गुवाहाटी विश्व विद्यालय से भौतिक विज्ञान मे एमएससी की थी।

· साल 1978 मे उन्होंने गुजरात विश्वविद्यालय से पीएचडी पूर्ण की थी , जिसके लिए उन्होंने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च ज्वाइन किया था।

· पीएचडी के बाद, उन्होंने कई प्रतिष्ठित संस्थानों में अनुसंधान वैज्ञानिक के रूप में काम किया जिनमे यूसी बरकेले, वाशिंगटन विश्वविद्यालय, Lunar and Planetary Institute तथा मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट प्रमुख हैं।

· साल 1994 मे इन्हे विज्ञान जगत का प्रतिष्ठित पुरस्कार शांति स्वरुप भटनागर प्रदान किया गया था। भारत सरकार ने इन्हे 2017 में पदमश्री पुरस्कार प्रदान किया था।

· साल 2015 मे डॉ जीतेन्द्र नाथ गोस्वामी को असम सरकार ने असम रत्न पुरस्कार प्रदान किया था।

अन्य पुरस्कारों की घोषणा

· साहित्यकार डॉ होमेन बोर्गोहेन के जन्मदिन 7 दिसंबर के अवसर पर राज्य की साहित्यिक प्रतिभाओं को साहित्य पेंशन प्रदान की जाएगी।

· अर्जुन पुरस्कार विजेता भोगेश्वर बरुआ के नाम पर उनके जन्मदिन 3 सितंबर के अवसर पर राज्य की खेल प्रतिभाओं को खेल पेंशन भी दी जाएगी।

· ज्योति प्रसाद अग्रवाल के नाम पर उनके जन्मदिवस 17 जनवरी के अवसर पर राज्य कलाकारो को कलाकार पुरस्कार देने का भी फैसला किया गया है।

असम -एक परिचय

· असम भारत के ‘उत्तर-पूर्वी राज्य समूह ‘ सेवन सिस्टर स्टेट्स’ में से एक है। यह भारत का सीमांत प्रदेश है तथा भूटान के साथ अपनी सीमा साझा करता है।

· असम का राजनीतिक गठन 26 जनवरी 1950 मे किया गया था। इसका क्षेत्रफल 78,438 वर्ग किलोमीटर तथा दिसपुर असम की राजधानी है।

· असम के इतिहास के अनुसार पहले यहाँ पर ‘अहोम’ राजाओ का शासन था , उन्ही के नाम पर यहाँ का नाम असम पड़ा है।

· ‘असम’ शब्द संस्कृत के ‘असोमा’ शब्‍द से बना है, जिसका अर्थ है अनुपम अथवा अद्वितीय। असम अपनी वन संपदा तथा जीव-जंतुओं और वनस्पतियों के लिए प्रसिद्ध है, जोकि कुल वन क्षेत्र के 26.22 प्रतिशत हैं।

· राज्य मे पांच राष्ट्रीय पार्क और 11 वन्यजीव अभ्यारण्य और पक्षी विहार हैं। काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और मानस बाघ परियोजना (राष्ट्रीय उद्यान) क्रमश: एक सींग वाले गैंडों और रॉयल बंगाल टाइगर के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है।

· असम राज्य एक कृषि प्रधान राज्य है, यहाँ की 39.83 लाख हेक्‍टेयर भूमि कृषि योग्य है। राज्य में चावल,जूट, चाय, कपास, तिलहन, गन्ना, आलू फसलों तथा संतरा, केला, अनन्‍नास, सुपारी, नारियल, अमरूद, आम, कटहल और नींबू आदि फलों का उत्पादन किया जाता है।

· असम अपने खूबसूरत और बड़े-बड़े चाय बागान के लिए प्रसिद्ध है। चाय उत्पादन असम का प्रमुख औद्योगिक कार्य है।

· ‘बिहू’ असम का मुख्य पर्व है, असम में तीन अवसरो पर बिहू पर्व मनाया जाता है। रंगाली बिहू या बोहाग बिहू फसल बुवाई तथा नए वर्ष की शुरुआत का पर्व। भोगली बिहू या माघ बिहू फसल कटाई का त्योहार है और काती बिहू या कांगली बिहू शरद ऋतु का एक मेला है।

चलते चलते

राज्य के नागरिकों के कार्यो को सम्मानित करने के लिए असम राज्य की असम रत्न पुरस्कार पहल सराहनीय है। प्रत्येक राज्य सरकार के द्वारा इस तरह की पहल अपने राज्यों में की जानी चाहिए इससे राज्य के नागरिकों का उत्साह, मनोबल, कार्य क्षमता आदि में बढ़ावा होता है। राज्य में सामाजिक, सांस्कृतिक, प्रौद्योगिक तथा साहित्यिक गतिविधियों को गति प्रदान के करने के लिए ऐसे पुरस्कार अच्छे पारितोषिक साबित होते हैं। दोस्तों आज का लेख आपको कैसा लगा हमें कमेंट के द्वारा बताएं तथा अपने दोस्तों के साथ भी इसे शेयर करें , धन्यवाद।