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Argentina Economic Crisis (2001): अर्जेंटीना की महामंदी जिसके कारण बैंक हुए थे तबाह



अर्जेंटीना साउथ अमेरिका का एक ऐसा देश. जिसके आर्थिक इतिहास के ऊपर जितना अध्ययन हो उतना ही कम लगता है. एक होती है विकसित देश की अर्थव्यवस्था, एक होती विकाशशील देश की अर्थव्यवस्था और इन सबसे अलग एक होती है अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था. एक देश के रूप में इसका इतिहास काफी ज्यादा अनूठा रहा है.

अर्जेंटीना ने 20वीं शताब्दी की शुरुआत से ही काफी ज्यादा उन्नति देखी थी. लेकिन बाद में इस देश ने काफी ज्यादा वित्तीय परेशानियों का भी सामना किया है. आज हम इस लेख में साल 2001 Argentina Economic Crisis (2001) में आये आर्थिक संकट के बारे में बात करेंगे.

अर्जेंटीना ने इतने पतन देखे हैं कि इसके ऊपर अध्यन के लिए अथाह सागर भी कम पड़ सकता है. आपको अवगत करा दें कि 1816 में इस देश को स्पेन से आज़ादी मिल गयी थी. उसके बाद से ये देश 8 बार से ज्यादा बार अपना कर्जा चुकाने में असमर्थ रहा है.

इस लेख के मुख्य बिंदु-

“विश्व में चार प्रकार की अर्थवावस्थाएँ हैं- विकसित, अविकासित, जापान और अर्जेंटीना।”

                   -साइमन क़ुज़नेत्स (नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री)

अर्जेंटीना आर्थिक संकट (2001-2002)

ग्रेट डिप्रेशन के दौर में कैसा था अर्जेंटीना?

सब यही सोचते हैं कि क्या हमेशा से अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था इतनी ही अस्थिर थी? इसका जवाब है कि ग्रेट डिप्रेशन तक अर्जेंटीना विश्व के सबसे स्थिर और रूढ़िवादी देशों में से एक था. काफी ज्यादा सामर्थ्य से भरी हुई ज़मीन का देश है अर्जेंटीना. लेकिन अब ये कहना भी गलत नहीं होगा कि बाद में ये सबसे अस्थिर देशों में से एक हो गया.

सरांश

अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था कभी अपने स्वर्णिम युग में थी. फिर इस देश ने ऐसे हालात भी देखे हैं. जब यहाँ का बैंकिंग सिस्टम फ्लॉप हो गया था. एक नहीं कई बार इस देश ने डिफ़ॉल्ट भी किये हैं? अगर आप उसके कारण के पीछे जायेंगे तो कई पहलुओं से रूबरू होना पड़ेगा. उन्ही में से एक पहलु ये भी है कि जब-जब इस देश की सरकारों ने जनता के ऊपर गलत नीतियां लागू की हैं. तब देश ने वित्तीय घाटा और आर्थिक संकट को झेला है.