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World War II के दौरान 1939 में ब्रिटेन और फ्रांस ने जब कर दिया जर्मनी के खिलाफ युद्ध का ऐलान



द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जो चीजें हुईं, उसके बीज तो दरअसल World War I के दौरान ही बो दिये गये थे। वर्ष 1914 से शुरू होकर 1918 तक चले प्रथम विश्वयुद्ध के बाद जब 1919 में वर्साय की संधि (Treaty of Versailles) हुई तो उसी वक्त यह तय हो गया था कि एक और विश्वयुद्ध होकर ही रहेगा। जिस तरह से युद्ध में हारे देशों की सीमाएं बदलने के साथ युद्ध जीतने वाले देशों को क्षतिपूर्ति देने जैसी शर्तें इस संधि के तहत रखी गई थीं, उसकी वजह से युद्ध में हारे ऑस्ट्रिया और जर्मनी को यह बेहद अपमानजनक लग रहा था।

इसकी वजह से उपजी परिस्थितियों के परिपेक्ष्य में इस लेख में हम history of September 3 और Germany in World War II पर चर्चा करेंगे।

इस लेख में आपके लिए है:-

Germany और Austria का एकीकरण

Hitler ने 5 नवंबर, 1937 को अपनी सेना के तीनों अंगों के नाम, अपने संबोधन में कहा था कि एक विशाल जीवनक्षेत्र पाना आठ करोड़ जर्मनों का अधिकार है। जगह की कमी को दूर करने का वक्त आ गया है। इसी के आधार पर जर्मनी की भावी नीतियां तय होंगी। फिर मार्च, 1938 में जर्मनी और ऑस्ट्रिया एक हो गये। जर्मनी की दक्षिणी सीमा के नजदीक स्थित ऑस्ट्रियाई शहर ब्राउनाऊ में ही हिटलर का जन्म हुआ था।

Britain और France की तुष्टीकरण की नीति की भूमिका

ब्रिटेन और फ्रांस का वादा

चरम पर World War II

UPSC के इतिहास के पाठ्यक्रम में, Why Britain & France declared war against Germany in the year 1939, एक महत्वपूर्ण टॉपिक है। अब एक नजर डालते हैं इससे जुड़े आगे के घटनाक्रमों पर:

निष्कर्ष

World War II के दौरान, हिटलर के नेतृत्व में जर्मनी ने हर बड़ी ताकत से एक साथ लोहा लेने की भूल की, जिसकी वजह से आखिरकार उसकी ऐसी दुर्गति हुई, जिसे आज भी याद किया जाता है। विश्वयुद्ध से दुनिया को कुछ हासिल नहीं हुआ, बल्कि नुकसान ही हुआ है। इतिहास इसका साक्षी भी है।