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आज़ाद भारत के १० बड़े जननायक, जिन्होंने बदल दी भारत की तस्वीर

१५ अगस्त १९४७ को हमारा देश भारत आजाद हुआ, लेकिन वर्षों की गुलामी के बाद मिली ये आज़ादी इतनी सस्ती नहीं थी। इसके लिए ना जाने कितने क्रांतिकारियों ने अपनी जान की आहूति दे दी, वहीं कितने स्वतंत्रता सेनानियों ने देश को आज़ाद कराने में अपना पूरा जीवन दे दिया। भारत को आज़ाद कराने में सभी नेताओं और क्रांतिकारियों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। लेकिन देश में कई ऐसे भी जननायक रहे, जिन्होंने आजाद भारत को एक दिशा दिलाने और दुनिया में उसकी अलग पहचान बनाने के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया। तो आइए जानते हैं आज़ाद भारत के उन १० बड़े जननायकों के बारे में जिन्होंने बदल दी भारत की तस्वीर।

१.  पंडित जवाहर लाल नेहरू-

आज़ादी के पहले से लेकर बाद तक पंडित जवाहर लाल नेहरू हमेशा देश की राजनीति का सबसे बड़ा चेहरा रहे। १९४७ की आजादी से लेकर १९६४ में अपने निधन तक पंडित जवाहर लाल नेहरू भारत के प्रधानमंत्री रहे। नेहरू को आधुनिक भारत का निर्माता भी कहा जाता है। कारखाने, पंचवर्षीय योजनाएं और राष्ट्रीय शहरी नवीकरण योजनाओं जैसी कई परियोजनाओं के जरिए नेहरू ने देश को आधुनिकता की तरफ मोड़ा।

 

२. सरदार वल्लभ भाई पटेल-

आज हम एक भारत का जो नक्शा देख रहे हैं, वो सरदार वल्लभ भाई पटेल की ही देन है। क्योंकि आज़ादी के वक्त भारत कई रियासतों और रजवाड़ों के रुप में बिखरा पड़ा था। जिसे एक भारत बनाने का काम सरदार पटेल ने अपनी सूझ- बूझ से किया। सरदार पटेल भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री बने। सरदार पटेल को ‘लौह पुरुष’ की संज्ञा दी गई है।

 

३. डॉ. भीमराव अम्बेडकर-

डॉ. भीमराव अम्बेडकर को भारतीय राजनीति का अहम चेहरा माना जाता है। भारतीय संविधान बाबा साहेब की ही देन है, इसलिए इन्हें भारतीय संविधान का निर्माता भी कहा जाता है। आज़ादी के बाद भारत में दलित आंदोलन का नेतृत्व भी बाबा साहेब ने ही किया।

 

 

४. लाल बहादुर शास्त्री-

लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने। बेहद सादगीपूर्ण और ईमानदार छवि वाले इस नेता ने आज़ाद भारत में किसानों को ही विकास का प्रतीक माना और जय जवान, जय किसान का ऐतिहासिक नारा दिया।

 

 

५. डॉ. राम मनोहर लोहिया-

डॉ. राम मनोहर लोहिया एक प्रखर वक्ता और आंदोलनकारी थे। आज़ाद भारत की राजनीति में गैर- कांग्रेसवाद के जनक के रुप में राम मनोहर लोहिया को ही देखा जाता है, क्योंकि उन्होंने ही पहली बार नेहरू सरकार के खिलाफ आवाज उठाई और जिसका परिणाम ये हुआ कि १९७७ में पहली बार देश में गैर- कांग्रेसी सरकार बनी।

 

६. इंदिरा गांधी-

नारी सशक्तिकरण का प्रतीक बनकर उभरी इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं। अपने शासनकाल में इंदिरा ने कई ऐसे फैसले लिए जिसने एक आधुनिक भारत को जन्म दिया। राजनीति में प्रखर मानी जाने वाली इंदिरा ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी खूब नाम कमाया।

 

 

७. जयप्रकाश नारायण-

जयप्रकाश नारायण को लोकनायक का दर्जा दिया गया है। इन्होंने इंदिरा सरकार के खिलाफ देश में क्रांति का आह्ववाहन किया। कहा जाता है कि जयप्रकाश नारायण आज़ाद भारत में क्रांतिकारी राजनीति को दिशा देने वाले आखिरी नेताओं में से एक हैं।

 

 

८. राजीव गांधी-

इंदिरा गांधी के बेटे और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी आज़ाद भारत को एक नई दिशा दी। इन्हें देश में कंप्यूटर क्रांति का जनक कहा जाता है।

 

 

९.  नरसिम्हा राव- 

भारतीय राजनीति के इतिहास में नरसिम्हा राव को लाइसेंस राज का अंत और बेहतर अर्थव्‍यवस्‍था का जनक कहा जाता है। राजीव गांधी के बाद इन्होंने ही पीएम की कुर्सी संभाली। इन्हें भारत की आर्थिक आज़ादी का मसीहा भी कहा जाता है।

 

१०. अटल बिहारी वाजपेयी-

अटल बिहारी वाजपेयी देश के सबसे सम्मानित और प्रेरक राजनेताओं में से एक हैं। नेहरू के बाद ये इकलौते ऐसे नेता हैं, जिन्होंने लगातार तीन बार प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाली। इनके कार्यकाल में देश को आर्थिक मजबूती मिली और भारत- पाक के रिश्ते में भी सुधार आया।

 

तो ये हैं आजाद भारत के वे १० बड़े जननायक, जिन्होंने देश को एक नई दिशा प्रदान की। गुलामी की वजह से पिछड़े भारत को विकसित लोकतंत्र में बदला। आज इनके ही मजबूत नेतृत्व के बदौलत भारत दुनिया भर में अपनी एक अलग पहचान बना चुका है और प्रगति की ओर लगातार अग्रसर है। क्या आपको भी ऐसा ही लगता है?