सर्व शिक्षा अभियान

20388

सर्व शिक्षा अभियान, भारत सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, इसकी शुरूआत अटल बिहारी बाजपेयी द्वारा की गयी थी । जिसका लक्ष्य सबको समान रूप से शिक्षा देना है । जैसा कि भारतीय संविधान के 86वें संशोधन द्वारा निर्देशित किया गया है ,जिसके तहत 6-14 साल की आयु के बच्चों (2001 में 205 मिलियन अनुमानित) की मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के प्रावधान को मौलिक अधिकार बनाया गया है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य था 2010 तक संतोषजनक गुणवत्ता वाली प्राथमिक शिक्षा को प्राप्त करना । एसएसए (SSA) में मुख्य रूप से 8 कार्यक्रम हैं, इसमें प्रमुख रूप से आईसीडीएस (ICDS) और आंगनवाड़ी आदि शामिल हैं। इसमें केजीबीवीवाई भी शामिल है। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय योजना की शुरूआत 2004 में हुई , जिसका उद्देश्य सारी लड़कियों को प्राथमिक और अनिवार्य शिक्षा देना है। परन्तु बाद में यह योजना एसएसए के साथ विलय हो गई |

सर्व शिक्षा अभियान का लक्ष्‍य:

सर्व शिक्षा अभियान का लक्ष्‍य विद्यालयों में सामाजिक, क्षेत्रीय और लिंग संबंधी अंतरालों को पढ़ाना है।

सर्व शिक्षा अभियान के उद्देश्‍य:

सर्व शिक्षा अभियान भारतीय सरकार द्वारा एक मिशन के रूप में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए शुरू किया गया, जिसके माध्‍यम से सभी बच्‍चों में मानवीय क्षमताओं के उन्‍नयन के लिए अवसर प्रदान करने का एक प्रयास किया गया।

सर्व शिक्षा अभियान का लक्ष्‍य:

1. सभी बच्चों के लिए वर्ष 2005 तक प्रारंभिक विद्यालय, शिक्षा गारंटी केन्द्र, वैकल्पिक विद्यालय, “बैक टू स्कूल” शिविर उपलब्ध कराय गए।
2. सभी बच्चे 2007 तक 5 वर्ष की प्राथमिक शिक्षा पूरी कर सकें।
3. सभी बच्चे 2010 तक 8 वर्षों की स्कूली शिक्षा पूरी कर सकें।
4. स्त्री-पुरुष में असमानता तथा सामाजिक वर्ग-भेद को 2007 तक प्राथमिक स्तर तथा 2010 तक प्रारंभिक स्तर पर समाप्त करने का प्रमुख लक्ष्य ।
5. वर्ष 2010 तक सभी बच्चों को विद्यालय में बनाए रखना भी इसका एक लक्ष्य था।

संस्थागत सुधार सर्व शिक्षा अभियान के तहत राज्यों में संस्थागत सुधार किए गए। राज्यों द्वारा अपनी मौजूदा शैक्षिक पद्धति का मूल्यांकन किया गया, जिसमें मुख्य रूप से शैक्षिक प्रशासन, स्कूलों का स्तर , वित्तीय मामले, विकेन्द्रीकरण तथा सामुदायिक स्वामित्व, राज्य शिक्षा अधिनियम की समीक्षा, शिक्षकों की नियुक्ति की गयी।

लड़कियों की शिक्षा – लड़कियां विशेषकर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की शिक्षा, सर्व शिक्षा अभियान का एक प्रमुख लक्ष्य है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलायी जा रही ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ ‘योजना भी लड़कियों को आगे बढ़ने के उद्देश्य से ही चलाई गयी है ।

इस देश का नागरिक होने के नाते हमारा भी कर्तव्य बनता है की शिक्षा को प्रोत्साहन दें।

Leave a Reply !!

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.