ड्राफ्ट नेशनल वॉटर फ्रेमवर्क बिल 2016

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जल है तो कल है!!!

आज मनुष्य दिन प्रतिदिन बहुत तरक्की करने में लगा है| नयी चीज़ों का निर्माण कर रहा है| पर क्या ये मनुष्य पानी का निर्माण भी कर सकता है?

जल – यह वो संसाधन है जो केवल प्रकृति से ही प्राप्त होता है| इस भागती-दौड़ती इक्कीसवीं सदी में भी अभी तक मनुष्य जल बनाने का तरीका ढूंढने में असमर्थ रहा है| परंतु जल को नष्ट करने की हर कोशिश करने में मनुष्य ने अपना पूरा सामर्थ्य दिखाया है!

पानी की भारी और बढ़ती किल्लत के चलते भारत सरकार एक समाधान लेकर आयी है – “ड्राफ्ट नेशनल वॉटर फ्रेमवर्क बिल 2016” | पिछले दिनों सरकार कई जल सम्बंधित विवादों से गुजरी है| ये विवाद अक्सर नदी का पानी दूसरे राज्यो के साथ बांटने पर थे| यह नया बिल इस दिशा में आशा की किरण बन सकता है।

इस बिल के चलते नदी के किनारो को समान भागो में बांटा जाएगा जिस से उस नदी से सम्बंधित हर राज्य को नदी के जल का एक बराबर भाग मिले|
इस बिल के अर्थ को कुछ सुन्दर शब्दो में भी बाँधा गया है – ‘वॉटर फॉर लाइफ’ जिसका हिंदी में अर्थ है “जीवन के लिए जल”| यह बिल हर हिंदुस्तानी को जल ग्रहण करने का अधिकार देगा| आर्थिक रूप से कमज़ोर व्यक्ति भी इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं| यह बिल निम्न बातों को ध्यान में रख कर बनाया गया है:-

1) जल प्रत्येक मनुष्य का मौलिक अधिकार है|

2) जल के भिन्न-भिन्न प्रयोग – खाना, पीना, स्नान हेतु, स्वच्छता के लिए, निजी एवं घरेलु प्रयोग में लाने के लिए, इत्यादि|

3) सब जरूरतों में से जल एक बुनियादी जरुरत है|

4) महिला वर्ग की अन्य समस्याओं के लिए भी पानी की मौजूदगी होना अनिवार्य है|

5) भविष्य के लिए जल का बचाव करने के लिए|

6) जल को सही एवं लाभकारी उपयोग में लाना|

7) जल को बचाकर रक्षित कर के रखना|

8) जल को प्रदूषित होने से बचाना, जिस से जल की बर्बादी न हो और उसे अधिक से अधिक कामों में लाया जा सके|

9) नदियों को सही प्रयोग में लाना|

10) राज्यों में आपस में पानी को ले कर हो रहे विवाद समाप्त करने के लिए|

इसी बिल से संबंधितत कुछ अन्य बातों पर रोशनी डालते हैं: –

1) यह कानून ‘जल संसाधन मंत्रालय’ ने बनाया है, जिसका राज्यों को पालन करना होगा|

2) पानी की न्यूनतम जरुरत का लेखा सभी राज्यों की सरकारें समय-समय पर देती रहेंगी|

3) जल संसाधन मंत्रालय ने जनता को सर्वोच्च रखते हुए उनके सुझावों का स्वागत किया है| आम जनता जब चाहें तब इस बिल पर अपनी राय व्यक्त कर सकती है, जिसे जल संसाधन मंत्रालय सुनेगा व अच्छा लगने पर लागू भी करेगा|

4) ‘वॉटर फॉर लाइफ’ को सर्वोच्च स्थान दिया जाएगा| अर्थात हर व्यक्ति की पानी की बुनियादी जरूरतों को बाकी सभी अन्य जरूरतों से ऊपर रखा जायेगा| अन्य जरूरतों में व्यावसायिक, औद्योगिक एवं कृषि संबंधित जरूरतें|

5) इस बिल के अनुसार – ‘हर राज्य, हर नागरिक और जल का सेवन करने वाले हर व्यक्ति का ये कर्तव्य बनता है कि वह जल को संरक्षित कर के रखें| परिणामस्वरूप अपनी आने वाली पीढ़ियों को भी इस प्राकृतिक संसाधन को प्रयोग करने का आनंद प्राप्त करने दें’|

6) प्रस्तावित कानून घरेलु पानी के लिए ‘श्रेणीबद्ध मूल्य निर्धारण प्रणाली’ अर्थात ‘ग्रेडेड प्राइसिंग सिस्टम’ भी लागू करना चाहता है| इसके अनुसार उच्च आय वर्ग से घरेलु उपयोग के जल की पूरी कीमत ली जाये, मध्यम वर्ग से वहन करने योग्य और न्यूनतम आय वाले वर्ग से लगभग नि:शुल्क सा ही मोल लिया जाए|

7) जल की एक न्यूनतम मात्रा भी तय की जा सकती है, जो सभी नागरिको को पानी मुफ्त में मुहैया कराएगी|

आशा है कि इस बिल से हमारे देश की जल संबंधी मुश्किलों का हल मिल पायेगा और हम अपने भविष्य की पीढ़ी को एक सुखी जीवन दे पाएंगे।

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