गांधीजी से सीखिए लीडरशिप और मैनेजमेंट के फंडे

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Management and leadership lessons from Gandhi ji

इतिहास के पन्नों में हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हमेशा- हमेशा के लिए अमर रहेगा। अहिंसा के रास्ते पर चलकर भारत को अंग्रेजों के शासन से मुक्त करवाने में महात्मा गांधी का महत्वपूर्ण योदगान रहा है। महात्मा गांधी ने लाखों- करोड़ों भारतीयों का नेतृत्व किया और एक लंबे संघर्ष के बाद भारत को गुलामी की बेड़ियों से आजाद करवाया। गांधीजी हमेशा लक्ष्य को पाने के लिए कड़ी मेहनत, धैर्य और गलतियों से सीखने में विश्वास रखते थे। वैसे तो गांधीजी का पूरा जीवन ही दूसरों के लिए अनुकरणीय है, लेकिन गांधीजी के जीवन की कुछ आदतें और उनकी कुछ बातें ऐसी हैं जिससे लोग प्रेरणा ले सकते हैं। गांधीजी के जीवन से हम नेतृत्व, मैनेजमेंट और कई सारी बातें सीखते हैं, जो वाकई में हमें मंजिल तक पहुंचने में काफी मदद करते हैं। तो आइए जानते हैं महात्मा गांधी द्वारा दिए गए नेतृत्व और मैनेजमेंट के कुछ सबक।

  1. वॉक टॉकएटिट्यूड
    गांधीजी ने हमेशा उन्हीं चीजों को दूसरों को सिखाया है, जिसका अनुसरण वो खुद भी करते थे। गांधीजी ने किसी भी परिस्थितियों में अपने नैतिक मूल्यों से समझौता नहीं किया और उन्होंने हमेशा दूसरों को भी इसी के लिए प्रोत्साहित किया है। लोग भी उन्हीं को फॉलो करते हैं, जिनके काम उनके शब्द से अलग नहीं होते। गांधीजी के ‘वॉक द टॉक’ एटिट्यूड को ब्रिटिश कैम्‍प में भी काफी सराहा जाता था।
  2. रणनीति हमेशा मौजूद साधनों के साथ ही बनाएं
    गांधीजी ने शक्तिशाली ब्रिटिश शासन से लड़ने के लिए अहिंसा का रास्ता अपनाया। उनकी सबसे बड़ी ताकत उनका सिद्धांत और जनता रही। इसलिए हमेशा उन्होंने उनके साथ ही अपनी रणनीति बनाई। किसी भी संस्थान या व्यक्ति को सफलता पाने के लिए मैनेजमेंट और रणनीति की जरुरत होती है। ऐसे में उपलब्ध साधनों के साथ ही रणनीति बनानी चाहिए।
  3. एक अच्छी टीम को साथ लेकर चलना और एक ही लक्ष्य के लिए काम करना
    महात्मा गांधी ने हमेशा एक कुशल टीम के साथ एकाग्र हो कर एक ही लक्ष्य के लिए काम किया। हालांकि अहिंसा के रास्ते पर चलकर उन्होंने आजादी पाने के लिए भारत छोड़ो आंदोलन, दांड़ी मार्च, असहयोग आंदोलन जैसे कई तरीके जरूर अपनाए।
  4. स्ट्रेस मैनेजमेंट
    गांधी जी को स्ट्रेस मैनेजमेंट की काफी अच्छी समझ थी। वो कभी भी तनाव को अपने उपर हावी नहीं होने देते थे। उन्हें बच्चों के साथ समय बिताना काफी पसंद था। साथ ही दांडी मार्च और सभाओं के दौरान भी वो देशभक्ति गीत गाया करते थे। जब भी गांधी जी निराश होते, वो भगवद् गीता पढ़ लिया करते थे। उनका मानना था कि तनाव से कभी भी काम बनता नहीं हैं बल्कि बिगड़ जाता है। इसलिए तनाव को अपने उपर हावी ना होने दें, उसे बदले खुद को दूसरी चीजों में व्यस्त कर लें। जो आपको खुशी देती है।
  5. कभी हार नहीं माननी चाहिए और लक्ष्य को पाने के लिए लगातार कोशिश करते रहें
    राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को आजाद कराने के लिए अहिंसा का रास्ता अपनाया। देश को आजाद कराने के लिए गांधी जी को कई बार जेल भी जाना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी। उसी तरह हमें भी अपने लक्ष्य को पाने के लिए लगातार संघर्ष करते रहना चाहिए।

 

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