चांद-तारों से मिलना है तो इसरो में बनाएं कॅरियर, ऐसे मिलेंगे मौके

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Jobs at ISRO


स्कूल में पढ़ते वक्त ही बच्चों में सूरज, चांद और तारों को लेकर जिज्ञासा पैदा होने लगती है। मन में अरमान फूटने लगते हैं कि क्या कभी चंदा की धरती से आगे जाकर मंगल तक पहुंच पाएंगे? क्या कभी और आगे जाकर सूरज चाचा से बात कर पायेंगे? कई बच्चों के मन में ये अरमान इस तरह पैठ बना लेते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ विज्ञान के जरिये सभी चीजों को समझते हुए वे अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में कॅरियर बनाने की ही ठान लेते हैं। अंतरिक्ष विज्ञान में कॅरियर बनाने की बात आती है तो निश्चित तौर पर सबसे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का नाम ही सामने आता है, जिसे कि ISRO के नाम से भी जानते हैं।

जिस तरह से इसरो ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में पूरी दुनिया में भारत का दबदबा बनाया है और जिस तरह से उसने कई कीर्तिमान रचे हैं, वैसे में इसमें काम करने का अवसर यदि किसी को मिल जाये, तो उसका खुश होना लाजमी है। इसरो का मुख्यालय बेंगलुरु में स्थित है। यदि आप भी इसरो में कॅरियर बनाने का सपना देखते हैं, तो इसके लिए आपको कुछ बातों की जानकारी होनी ज़रूरी है। इसरो की ओर से हर वर्ष वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग पदों के लिए आवेदन निकाले जाते हैं, जिनकी जानकारी इसकी वेबसाइट पर मिल जाती है। साथ ही देश के प्रमुख समाचार पत्रों में इसके लिए विज्ञापन भी दिये जाते हैं।

क्या है इसरो का काम?

1. अंतरिक्ष से जुड़ी तकनीकें उपलब्ध कराना।

2. उपग्रहों का विकास करता है।

3. प्रमोचक यान तैयार करता है।

4. राॅकेटों को तैयार किया जाता है।

5. भू-प्रणाली विकसित किये जाते हैं।

इन पदों के लिए मिलते हैं मौके

1. स्पेस साइंटिस्ट

2. एस्ट्रोफिजिसिस्ट

3. जियोलाॅजिस्ट

4. एस्ट्रोनाॅमर

5. रडार टेक्नीशियन

6. मैटीरियोलाॅजिस्ट

7. सेटेलाइट टेक्नीशियन

8. क्वालिटी एश्योरेंस स्पेशलिस्ट

9. रोबोटिक टेक्नीशियन

कॅरियर बनाने के लिए अलग-अलग योग्यताएं

1. पद के अनुसार बीई, बीटेक या फिर बीएससी (इंजीनियरिंग)।

2. एसोसिएट मेंबर ऑफ इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (AMIE) की डिग्री।

3. एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में बी. टेक की डिग्री।

4. एवियोनिक्स में बी. टेक की डिग्री।

5. एस्ट्रोनाॅमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स में एम.एस. की डिग्री।

6. अर्थ सिस्टम साइंस में एम.एस. की डिग्री।

7. ऑप्शनल इंजीनियरिंग में एम.टेक की डिग्री।

8. सोलिड स्टेट फिजिक्स में एम.एस की डिग्री।

9. स्पेस साइंस में एम.टेक की डिग्री।

10. स्पेस साइंस में एम.एस.सी की डिग्री।

11. मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल एवं सिविल क्षेत्रों के कोर्सेज।

तैयारी के लिए प्रमुख संस्थान

1. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु

2. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी, तिरुवनंतपुरम

3. टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च, मुंबई

4. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च, भुवनेश्वर

5. बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेसरा, रांची

6. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर

7. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स, बेंगलुरु

8. आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज, नैनीताल

आवेदन से संबंधी जरूरी बातें

1. जो भी डिग्री आपने प्राप्त की है, उसमें 65 फीसदी अंक की ज़रूरत होती है।

2. वैज्ञानिक और इंजीनियर के पदों के लिए उम्र सीमा 35 वर्ष तक की होती है।

3. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए नियमानुसार उम्र सीमा में छूट भी मिलती है।

ऐसे होता है चयन

1. स्क्रिनिंग टेस्ट से गुजरना पड़ता है।

2. कई बार बायोडेटा भी देखा जाता है।

3. लिखित परीक्षा के लिए उम्मीदवारों का चयन करके बुलाया जाता है।

4. लिखित परीक्षा में कामयाब हुए उम्मीदवार साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किये जाते हैं।

5. इसके परिणाम के आधार पर अंतिम चयन होता है।

सैलरी एवं सुविधाएं

1. शुरुआत में स्पेस साइंटिस्ट को करीब 15 से 30 हजार रुपये प्रतिमाह मिलते हैं।

2. करीब दो से तीन वर्षों का अनुभव होने के बाद सैलरी 45 से 50 हजार रुपये तक भी पहुंच जाती है।

3. शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में काम करने वाले कुछ वैज्ञानिकों को तो सालाना लाखों का पैकेज भी मिल जाता है।

4. साथ में रहने और परिवहन की सुविधा भी मुहैया कराई जाती है।

5. कर्मचारी के साथ परिवार वालों को भी मेडिकल की सुविधाएं मिलती हैं।

निष्कर्ष

कुल मिलाकर सार यही है कि यदि आप ISRO में अपने लिए एक बेहतरीन कॅरियर चाहते हैं तो आपको इसकी तैयारी दसवीं के बाद से ही शुरू कर देनी चाहिए, क्योंकि 12वीं के बाद एस्ट्रो-फिजिक्स के क्षेत्र में बेहद रोमांचक कॅरियर पाने के अवसर मिलने आपको शुरू हो जाते हैं। बारहवीं के बाद उपलब्ध कई कोर्सेज में एडमिशन लेकर और अच्छी तरह से तैयारी करके आप इसरो में ड्रीम जाॅब को हासिल कर सकते हैं। साथ ही इसके लिए आपको नियमित रूप से इसरो की वेबसाइट भी देखते रहनी चाहिए, ताकि विज्ञापन का पता चलने के साथ ही इसकी प्रगति की भी जानकारी आपको मिलती रही, जो साक्षात्कार के दौरान आपके बहुत काम आ सकती है।

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