आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार

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types of computer


1822 में चार्ल्स बैबेज ने पहला कंप्यूटर बनाया था, जो की एक मकैनिकल कंप्यूटर था। उसके बाद 1944 में प्रोफेसर एकिंस और उनके सहयोगी दल ने हॉवर्ड विश्वविद्यालय में पहले इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर बनाने में सफलता प्राप्त की थी । प्रारंभिक अवस्था में कंप्यूटर का आकार एक बड़े कमरे जितना होता था तथा यह भाप इंजन द्वारा चलता था। वर्तमान में कंप्यूटर स्मार्ट फ़ोन के रूप में हमारी जेब में पहुंच गया है। कंप्यूटर के कमरे के आकार से एक छोटी से डिवाइस के रूप में पहुंचने में दशकों का समय लगा है। कंप्यूटर के विकास का अपना एक इतिहास रहा है। मानव की आवश्यकताओं के अनुसार कंप्यूटर का आकार बदलता गया है। मानव की जरूरतों की पूर्ति हेतु कंप्यूटर के आकार के अनुसार उसकी एक श्रृंखला बन गयी है। आज हम आकार के अनुसार कंप्यूटर के प्रकार के बारे में ही जानकारी प्राप्त करेंगे।

आकार के अनुसार कंप्यूटर को हम 4 श्रेणियों में बाँट सकते है, जिनकी जानकारी निम्नवत है।

माइक्रो-कंप्यूटर (Microcomputer)

• आमतौर पर माइक्रो-कंप्यूटर, ऐसे computers को कहा जाता है, जिन्हे डेस्क मे रखकर कार्य किया जा सकता है। चूँकि इसके CPU मे माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल होता है अतः इसे माइक्रो -कंप्यूटर कहते हैं।

• 1970 मे इंटेल द्वारा माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण किया गया था। उसके बाद से इसका तकनीकी विकास होता गया। आज निरंतर कंप्यूटर का आकर छोटा, माइक्रोप्रोसेसर के कारण ही होता जा रहा है।

• IBM कंपनी द्वारा पहला माइक्रो-प्रोसेसर बनाया गया था। प्रथम माइक्रोप्रोसेसर 8 – बिट का था। वर्तमान मे 64 -बिट का प्रोसेसर व्यावहारिक रूप से उपयोग के लिए बाजार मे उपलब्ध है।

• माइक्रो-कंप्यूटर मे एक CPU होता है , इसका आकर छोटा होता है तथा इसकी कीमत भी कम होती है। माइक्रो-कंप्यूटर मे एक बार मे केवल एक व्यक्ति ही कार्य कर सकता है।

• पहले पर्सनल कंप्यूटर का निर्माण 1981 मे किया गया था। इसमें माइक्रोप्रोसेसर चिप 8088 का प्रयोग किया गया था। इसमें हार्डडिस्क का उपयोग करके इसकी क्षमता को बढ़ाया गया था। इस PC का नाम PC -XT (Personal Computer Extended Technology) था।

• 1984 मे माइक्रोप्रोसेसर चिप -80286 से बने नये PC को मार्किट मे लाया गया और नाम दिया गया PC -AT (Personal Computer Advanced Technology)। आधुनिक पीढ़ी के सभी कंप्यूटर को PC -AT नाम से ही जाना जाता है।

• वर्तमान मे माइक्रोप्रोसेसर की तकनीक को जेनेरेशन के नाम से जाना जाता है। जैसे – I5, I7, I9 ये नंबर माइक्रोप्रोसेसर की तकनीक को दर्शाते हैं। I7 वाला प्रोसेसर I5 से एडवांस होगा, ठीक इसी प्रकार I9 वाला प्रोसेसर सबसे ज्यादा एडवांस्ड होगा। एडवांस्ड तकनीक से तात्पर्य माइक्रोप्रोसेसर की क्षमता तथा आकर से है। जो जितना एडवांस्ड है उसकी क्षमता उतनी अधिक होगी तथा आकर मे अपने पूर्ववर्ती से छोटा होगा। इसी तकनीकी के कारण वर्तमान मे computers का आकर छोटा होता जा रहा है।

• डेस्कटॉप कंप्यूटर, लैपटॉप, टेबलेट, पाल्म्टॉप , स्मार्ट फ़ोन आदि इसके उदाहरण हैं।

• माइक्रो-कंप्यूटर का उपयोग घर ,व्यापार, शिक्षा ,उत्पादन , मनोरंजन ,रक्षा , डाटा स्टोरेज , चिकित्सा जैसे अनेक कार्यो मे किया जाता है।

मिनी-कंप्यूटर (MiniComputer)

• मिनी-कंप्यूटर, माइक्रो-कंप्यूटर का बड़ा रूप है। इसका आकर एक रेफ्रीजिरेटर जितना या उससे कुछ बड़ा हो सकता है।

• मिनी-कंप्यूटर मे एक से अधिक CPU होते हैं तथा इसमें एक समय मे एक से अधिक लोग काम कर सकते हैं।

• मिनी-कंप्यूटर मे अनेक माइक्रो-प्रोसेसर लगे रहते हैं, जिससे इसकी कार्य क्षमता माइक्रो-कंप्यूटर से अधिक होती है।

• पहले मिनी-कंप्यूटर का निर्माण DEC (Digital Equipment Corporation) द्वारा 1965 मे किया गया था तथा इसका नाम पीडीपी-8 था।

• मिनी -कंप्यूटर का उपयोग छोटी या माध्यम आकर की कंपनियों द्वारा, प्रबंधन , बैंकिंग या अन्य कार्यो के लिए किया जाता है।

• मिनी-कंप्यूटर का उपयोग यात्री आरक्षण गृहो, बड़े व्यापारिक संस्थानों, अनुसन्धान कार्यो मे भी किया जाता है।

मेनफ़्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)

• मेनफ़्रेम कंप्यूटर आकर मे बहुत बड़े होते हैं । इसका आकर एक कमरे जितना बड़ा होता है। इसमें बहुत सारे माइक्रोप्रोसेसर लगे होते हैं ।

• मेनफ़्रेम कंप्यूटर की गति एवं क्षमता बहुत अधिक होती है। मेनफ़्रेम कंप्यूटर मे Node.js सॉफ्टवेयर प्लेटफार्म का उपयोग होता है।

• मेनफ़्रेम कंप्यूटर 24 घंटे वर्क करते हैं जिस वजह से इनको कूलिंग के लिए एयर कंडीशनिंग की जरुरत पड़ती है।

• मेनफ़्रेम कंप्यूटर मे एक साथ बहुत सारे कार्य किये जा सकते हैं। इसमें एक साथ सैकड़ो लोग काम कर सकते हैं।

• मेनफ़्रेम कंप्यूटर को इन्टिजर ऑपरेशन जैसे – फाइनेंसियल रिकॉर्ड, इंडेक्सिंग, तुलना आदि की गणना करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है।

• मेनफ्रेम कंप्यूटर को एक नेटवर्क या माइक्रो कंप्यूटरो के साथ आपस में जोड़ा जा सकता है।

सुपर कंप्यूटर (Supercomputer)

• सुपर कंप्यूटर सभी प्रकार के कम्प्यूटर्स मे सबसे अधिक क्षमता वाले, उच्च गति वाले तथा सबसे बड़े आकर वाले होते हैं। इसका आकर एक बड़ी ईमारत के बराबर हो सकता है। जिस वजह से इसमें विशेष कूलिंग की जरुरत पड़ती है।

• सुपर कंप्यूटर को नॉन-वॉन न्यूमेन सिद्धान्त (Non-Von Neumann Concept) के आधार पर तैयार किया जाता है। सबसे पहला सुपर कंप्यूटर Control Data Corporation द्वारा 1960 मे बनाया गया था। जिसका नाम CDC 6600 था तथा इसे Seymour Cray के द्वारा बनाया गया था|

• सुपर कंप्यूटर मे बहुत सारे CPU को आपस मे समान्तर क्रम मे जोड़ा जाता है। इस क्रिया को समान्तर प्रोसेसिंग कहते हैं। इस क्रिया मे किसी कार्य को छोटे छोटे टुकड़ो मे विभाजित करके अलग अलग CPU द्वारा उसे क्रियान्वित किया जाता है।

• सुपर कंप्यूटर मे बहुत सारे लोग एक साथ कार्य कर सकते हैं। इसकी गणना क्षमता एवं मेमोरी बहुत उच्च होती है।

• भारत ने अपना पहला सुपर कंप्यूटर 1998 में बनाया था, जिसका नाम “परम-10000” है। “परम-10000” का विकास सी-डेक द्वारा किया गया है।

• सुपर कंप्यूटर का उपयोग अंतरिक्ष अभियानों, मौसम सम्बन्धी गतिविधियों, अनुसन्धान कार्यो,परमाणु कार्यक्रमों तथा सैन्य किया-कलापो मे किया जाता है।

चलते चलते

कंप्यूटर मानव जाति द्वारा किया गया सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार है। वर्तमान में
कम्प्यूटर तकनीक का विकास इतनी स्मार्ट एवं फ़ास्ट तरीके से हो रहा है, शायद ही किसी और तकनीक का विकास इतनी तेजी से हुआ हो। कंप्यूटर ने अपने विकास के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी विकास के मार्ग प्रशस्त किये हैं। कंप्यूटर की वजह से मानव नेचर की गूढ़ता को समझ पा रहा है। दोस्तों, कंप्यूटर के बारे में हमारा यह लेख आपको कैसा लगा? कमेंट करके हमे बताना न भूलें, धन्यवाद।

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