मेटियोरोलॉजी: कोर्सेज जो खोलेंगे शानदार करियर के द्वार

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आज एक अच्छा करियर बनाने के ढेरों विकल्प मौजूद हैं। मौसम विज्ञान में मौसम से जुड़ी जो भी प्रक्रिया होती है या फिर मौसम का जो पूर्वानुमान लगाया जाता है, ये सारी चीजें Meteorology के नाम से जानी जाती हैं। मेटियोरोलॉजी के क्षेत्र में आजकल युवा करियर बनाने के बारे में सोच रहे हैं।
Career Counselling के दौरान काउंसलर आजकल Meteorologists as career के बारे में भी बताते हैं। वह इसलिए कि इस क्षेत्र में भी इस क्षेत्र में मौजूद असीम संभावनाओं को देखते हुए हम आपको इससे जुड़ी हर जानकारी इस लेख में उपलब्ध करा रहे हैं।

इस लेख में आप पढ़ेंगे:

  • मेटियोरोलॉजी को समझें
  • मेटियोरोलॉजिस्ट एक करियर के रूप में
  • कैसे बनें मेटियोरोलॉजिस्ट?
  • मेटियोरोलॉजिस्ट बनने के लिए कोर्सेज
  • भारत के सबसे अच्छे कॉलेज

मेटियोरोलॉजी को समझें

एक ग्रीक शब्द है ‘मिटिऔरल’ जिससे बना है। इसका तात्पर्य आकाश में घटने वाली किसी घटना से है। भूगोल में इसकी पढ़ाई होती है। जो लोग मेटियोरोलॉजी के विशेषज्ञ होते हैं, वे मेटियोरोलॉजिस्ट, जलवायु वैज्ञानिक या वायुमंडल वैज्ञानिक के तौर पर जाने जाते हैं। दुनिया भर में इन दिनों में मेटियोरोलॉजी के विशेषज्ञों की मांग में बड़ा इजाफा हुआ है।

  • जहां तक मेटियोरोलॉजी की बात है, तो वायुमंडल विज्ञान की इसे आप एक ऐसी शाखा कह सकते हैं, जो न केवल मौसम और जलवायु से जुड़ा पूर्वानुमान लगाती है, बल्कि पर्यावरण में जो बदलाव हो रहे हैं, उनका भी अध्ययन इसके अंतर्गत होता है।
  • Meteorologist, जो कि मौसम वैज्ञानिक के तौर पर भी जाने जाते हैं, वे चक्रवात, तूफान, बवंडर और आंधी जैसी घटनाओं के बारे में पहले से ही सचेत कर देते हैं, जिससे कि दुनिया भर की सरकारें अपने इलाके में तैयारी करके जान-माल के बड़े पैमाने पर होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम कर पाती हैं।
  • मौसम का पूर्वानुमान हो जाने से आमजनों को भी यह फायदा मिलता है कि वे इसके मुताबिक यात्रा आदि पर जाने की योजना बना पाते हैं। उसी तरह से किसानों के लिए भी फसलें उगाने को लेकर यह जानकारी फायदेमंद होती है।
  • हवाई जहाज के उड़ने के दौरान भी मौसम संबंधी पूर्वानुमान बड़े काम आते हैं। हिमस्खलन और बर्फीले तूफानों से पर्वतारोहियों का भी मौसम पूर्वानुमान से बचाव हो पाता है। सुनामी और तूफान जैसे पूर्वानुमान लगाए जाने से भी बड़े पैमाने पर नुकसान से बचा जा सकता है।

मेटियोरोलॉजिस्ट एक करियर के रूप में

Meteorologist career के रूप में आपकी पसंद हो सकती है यदि आप भूगोल के साथ मौसम विज्ञान में भी रुचि लेते हैं। मेटियोरोलॉजी के क्षेत्र में में करियर बनाने का मतलब है कि पूर्वानुमान, टीचिंग या फिर शोध व अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में काम करना। कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों के साथ निजी कंपनियों एवं सरकारी एजेंसियों आदि में भी मेटियोरोलॉजिस्ट के लिए करियर के कई विकल्प मौजूद हैं।

मौसम वैज्ञानिक के तौर पर

मौसम वैज्ञानिकों या फिर जलवायु वैज्ञानिकों की आवश्यकता मौसम प्रसारण केंद्र, रेडियो और दूरदर्शन केंद्र, सैन्य विभाग, उपग्रह अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र, औद्योगिक मौसम अनुसंधान संस्थाएं, पर्यावरण से संबंधित एजेंसियां और विश्व मौसम केंद्र आदि को खूब होती है। यही वजह है कि अच्छे पैकेज पर ये आजकल मेटियोरोलॉजिस्ट को अपने यहां नियुक्त कर रहे हैं।

कंसल्टेंट के रूप में

आजकल जब कार्यालयों का निर्माण होता है, बड़े-बड़े भवन बनाए जाते हैं, जब फ्लाईओवरों का निर्माण होता है, तो फिर जो निजी आर्किटेक्ट फर्म्स होते हैं, वे इन सभी की डिजाइनिंग के लिए मौसम वैज्ञानिकों की सेवा भी एक कंसल्टेंट के तौर पर लेते हैं। मौसम के अनुरूप वे इन्हें डिजाइन करवाना चाहते हैं, ताकि भविष्य में मौसम की वजह से इन्हें किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। इसलिए इन जगहों पर भी एक मेटियोरोलॉजिस्ट के तौर पर आप चाहें तो अपने लिए रोजगार के अवसर तलाश सकते हैं और अपनी योग्यता के अनुसार नौकरी भी हासिल कर सकते हैं।

मौसम विभाग कार्यालयों में

दुनिया के जितने भी बड़े हवाई अड्डे हैं, वहां पर एक मौसम विभाग कार्यालय भी काम करता है। यही नहीं, जो समाचार चैनल होते हैं या फिर जो मौसम से संबंधित एजेंसियां हैं, हर दिन मौसम से जुड़े पूर्वानुमान के बारे में वे बताती हैं। ऐसे में केवल भारतीय मेटियोरोलॉजी विभाग ही नहीं, बल्कि इन सभी जगहों पर भी एक योग्य मेटियोरोलॉजिस्ट की आवश्यकता हमेशा रहती है, जहां कि आप भी अपने लिए करियर बनाने की कोशिश कर सकते हैं।

सरकारी संस्थानों में

एक शोधकर्ता के रूप में या फिर एक वैज्ञानिक के तौर पर भी आप भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन, आर्यभट्ट ऑब्जर्वेशनल साइंस रिसर्च इंस्टीट्यूट, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन, राष्ट्रीय रिमोट सेंसिंग एजेंसी, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद और भारतीय वायु सेना आदि में भी अपना करियर बना सकते हैं। सबसे अहम बात है कि यहां न केवल आपको आकर्षक सैलरी मिलती है, बल्कि मानसिक तौर पर भी आप संतुष्ट रहते हैं। इसके अलावा इन जगहों पर आपका आत्मसम्मान भी बना रहता है।

कैसे बनें मेटियोरोलॉजिस्ट?

  • How to become Meteorologist – यदि आपके जेहन में भी यही सवाल आ रहा है, तो आपको बता दें कि सबसे पहले आपका विज्ञान विषयों के साथ 10+2 यानी कि इंटर उत्तीर्ण करने के बाद बीएससी होना जरूरी है। इसके बाद आप इससे संबंधित विषय में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल कर सकते हैं।
  • यदि एक शोधकर्ता के रूप में या फिर एक वैज्ञानिक के रूप में आप इस क्षेत्र में काम करना चाह रहे हैं, तो आपको नेट एग्जाम क्वालीफाई करना पड़ता है। साथ में मेटियोरोलॉजी में आपको पीएचडी की डिग्री हासिल करनी पड़ती है।
  • एक Meteorologist के तौर पर करियर बनाने के लिए आपको गणित और भौतिकी की अच्छी जानकारी होनी चाहिए। साथ ही पर्यावरण का भी अच्छा ज्ञान होना चाहिए। साथ में निर्णय लेने की क्षमता, समस्याओं को सुलझाने की क्षमता, आंकड़ों का विश्लेषण करने की क्षमता और अच्छी कम्युनिकेशन स्किल आपकी होनी चाहिए। कंप्यूटर और नवीनतम तकनीकों का भी ज्ञान आपके पास होना जरूरी है।
  • एक मेटियोरोलॉजिस्ट के रूप में यदि आप काम करना चाहते हैं तो आपको यह भी जान लेना चाहिए कि मौसम का पूर्वानुमान लगाने का काम घंटों में नहीं बंधा है, जैसे कि ऑफिस के बाकी काम होते हैं। यदि जरूरत पड़ जाए तो हो सकता है कि आपको हफ्ते में सातों दिन और किसी भी समय काम करना पड़े। यहां तक कि त्योहारों और छुट्टियों के दौरान भी आपके काम करने की नौबत आ सकती है।

मेटियोरोलॉजिस्ट बनने के लिए कोर्सेज

Meteorologist courses, जिन्हें करके एक मेटियोरोलॉजिस्ट के तौर पर करियर बनाने का अपना सपना आप साकार कर सकते हैं, वे स्पेशलाइजेशन वाले कोर्स निम्नलिखित हैं:-

  • एयरोनॉमी
  • एयरोलॉजी
  • भौतिकीय मेटियोरोलॉजी
  • जलवायु विज्ञान
  • कृषि मेटियोरोलॉजी
  • संक्षिप्त मेटियोरोलॉजी
  • डायनामिक मेटियोरोलॉजी होनी चाहिए। कंप्यूटर और नवीनतम तकनीकों का भी ज्ञान आपके पास होना जरूरी है।

भारत के सबसे अच्छे कॉलेज

Meteorologist career के तौर पर अपनाने के लिए आप भारत के निम्नलिखित सबसे अच्छे कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और संस्थानों से मेटियोरोलॉजी की पढ़ाई कर सकते हैं:-

  • आईआईटी, दिल्ली
  • आईआईटी, खड़गपुर, पश्चिम बंगाल
  • आर्यभट्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ ऑब्जर्वेशनल साइंसेज, नैनीताल, उत्तराखंड
  • पंजाब यूनिवर्सिटी, पटियाला
  • वायुमंडल एवं समुद्री विज्ञान केंद्र, भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरू, कर्नाटक
  • भारतीय उष्णकटिबंधीय मेटियोरोलॉजी संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र
  • कोचिन यूनिवर्सिटी, कोच्चि
  • मणिपुर यूनिवर्सिटी, इंफाल
  • देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी, इंदौर
  • आंध्र यूनिवर्सिटी, विशाखापत्तनम

चलते-चलते

Meteorologists as career अपनाने की चाहत यदि आप रखते हैं, तो आपकी प्रकृति में गहरी रूचि होनी चाहिए। साथ ही मानसिक रूप से आप हर परिस्थिति में काम करने के लिए तैयार भी होने चाहिए।

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