Career in Industrial Engineering: पसंदीदा कॅरियर चुनने का अवसर

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Career in Industrial Engineering

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Career in Industrial Engineering में यदि आपकी रुचि है और आप यह जानना चाहते हैं कि इस क्षेत्र में कॅरियर कैसे बनाएं, तो निश्चित रूप से यह लेख दोस्तों आपके लिए है।

Industrial Engineering careers आज के समय में सबसे अधिक मांग वाले कॅरियर में से एक बन गया है। इंजीनियरिंग का क्षेत्र वास्तव में बहुत ही बड़ा है। इंजीनियरिंग के दायरे में मैकेनिकल से लेकर सिविल इंजीनियरिंग और इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग आदि भी आते हैं। इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जो स्टूडेंट्स अपना कॅरियर बनाते हैं, उन्हें सप्लाई चेन से लेकर मैन्युफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक्स जैसे विभागों में भी काम करने के अवसर प्राप्त होते हैं। इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के तौर पर कॅरियर बनाने वालों को इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग टेक्नीशियन और इंडस्ट्रियल सिस्टम्स इंजीनियर के अलावा इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन मैनेजर और इंडस्ट्रियल सेफ्टी इंचार्ज आदि पदों पर भी काम करने का मौका मिलता है।

Career in Industrial Engineering के लिए वर्तमान समय में संभावनाएं भरपूर हैं, क्योंकि इस क्षेत्र में कुशल युवाओं की मांग में लगातार इजाफा हो रहा है। इसकी वजह यह है कि मोबाइल और कार से लेकर घड़ियों आदि के निर्माण में भी इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग से जुड़े पेशेवरों का बहुत बड़ा योगदान है। मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में भी इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के पेशेवरों की मांग बढ़ती जा रही है। यहां तक कि गैर तकनीकी क्षेत्रों में भी इनकी आवश्यकता खूब महसूस की जा रही है। इसलिए हम आपको इस लेख में इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग से जुड़े सभी पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं, ताकि आप भी इस क्षेत्र में अपने लिए एक बेहतर कॅरियर तलाश सकें।

क्या है इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग | What is Industrial Engineering?

आज के समय में इंडस्ट्री तेजी से विकसित होती जा रही है। यहां तरह-तरह के काम होते हैं, जिन्हें कुशल तरीके से निबटाना इंडस्ट्री की सफलता के लिए बहुत ही जरूरी होता है। सबसे बड़ी बात है कि सामान्य से लेकर उर्जा, समय और मशीन की भी किसी भी तरह की बर्बादी को रोकना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। ऐसे में इंडस्ट्रियल इंजीनियर इस जिम्मेवारी को भली-भांति संभालते हैं। मशीन से लेकर सामान, कर्मचारी, उर्जा और उपलब्ध जानकारी का सही दिशा में इस्तेमाल वे सुनिश्चित करते हैं। यही वजह है कि न केवल मैन्युफैक्चरिंग, बल्कि रिटेल, हार्डवेयर, तकनीक एवं स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े क्षेत्रों में भी आज इंडस्ट्रियल इंजीनियर के लिए तमाम संभावनाएं मौजूद नजर आ रही हैं।

इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियां | Major Challenges in the Sector of Industrial Engineering

  • इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में काम करने वालों को कोई भी निर्णय बड़ी ही सटीक तरीके से लेना पड़ता है, क्योंकि लागत की अहमियत किसी भी इंडस्ट्री के लिए सबसे अधिक होती है। ऐसे में इंडस्ट्रियल इंजीनियर जो भी निर्णय लेते हैं, उससे पहले उन्हें निर्माण लागत के बारे में अच्छी तरह से सोच-विचार करना पड़ता है।
  • इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग से जुड़े पेशेवर जब काम करना शुरू कर देते हैं, तो एक ही कंपनी में उन्हें लंबे अरसे तक काम करना पड़ता है। ऐसे में वे एक ही जगह पर काम करते-करते ऊब जाते हैं। इसलिए जो लोग इस क्षेत्र में काम करते हैं, उनमें यह देखा जाता है कि वे बार-बार अपनी नौकरी बदलते रहते हैं।
  • इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जिन लोगों को महारत हासिल हो जाती है, उनके लिए रोजगार के अवसर कभी भी कम नहीं पड़ते हैं। फिर भी जब बाकी ट्रेड से तुलना की जाती है, तो सैलरी के मामले में ये थोड़े पीछे रह जाते हैं।
  • इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग से जुड़े पेशेवरों के सामने सबसे बड़ी चुनौती उन्नयन की होती है। इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के क्षेत्र का दायरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में हमेशा नई युक्तियों और तरीकों की जरूरत पड़ती है। पेशेवरों को हमेशा नए दृष्टिकोण से चीजों के बारे में सोचना और उन्हें लागू करना पड़ता है।

इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग का पाठ्यक्रम | Syllabus of Industrial Engineering

इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग का कोर्स शुरू करने वाले स्टूडेंट्स को शुरुआत में तो गणित, भौतिकी और रसायन जैसे मूलभूत विषयों को ही पढ़ना पड़ता है। धीरे-धीरे बाद के वर्षों में उन्हें वर्क सिस्टम, क्वालिटी कंट्रोल, प्रोडक्ट डिजाइन और डेवलपमेंट, प्रोडक्शन प्लानिंग एंड इन्वेंटरी कंट्रोल, ऑपरेशन रिसर्च और लॉजिस्टिक्स आदि के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है।

कैसे करें इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग की पढ़ाई | How to Study Industrial Engineering?

  • इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में यदि आप कॅरियर बनाना चाहते हैं, तो इसके लिए तकनीकों और व्यवसाय में आपकी रुचि होनी जरूरी है। भौतिकी, रसायन और गणित विषयों के साथ 12वीं की पढ़ाई पूरी करके आप 4 साल के बीटेक पाठ्यक्रम में दाखिला ले सकते हैं, जहां कि बीटेक या बीई इन इंडस्ट्रियल एंड प्रोडक्शन इंजीनियरिंग कोर्सेज में आपको दाखिला मिल जाएगा। बाकी बीटेक पाठ्यक्रम की तरह ही इसमें आपको दाखिला मिलता है।
  • 10वीं की पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद भी आप 3 साल के डिप्लोमा इन प्रोडक्शन एंड इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग जैसे पाठ्यक्रमों में दाखिला ले सकते हैं। जब आप आईटीआई लेवल के कोर्स को पूरा कर लेते हैं, तो इसके बाद ऑल इंडिया ट्रेड टेस्ट आपको देना पड़ता है। इसे उत्तीर्ण कर लेने के बाद नेशनल ट्रेड सर्टिफिकेट आपको प्राप्त हो जाता है।
  • ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी कर लेने के बाद आप पीजीडी इन इंडस्ट्रियल सेफ्टी इंजीनियरिंग, पीजीडी इन इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग और पीजीडी इन इंडस्ट्रियल सेफ्टी जैसे पाठ्यक्रमों में दाखिला ले सकते हैं और इस क्षेत्र में अपना कॅरियर बना सकते हैं।
  • इन सबके अलावा इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सेफ्टी, एमटेक इन इंडस्ट्रियल एंड प्रोडक्शन इंजीनियरिंग और एमटेक इन प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी जैसे पाठ्यक्रम भी उपलब्ध हैं।

इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग वाले संस्थान |  Institutes for Industrial Engineering

  • मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, इलाहाबाद
  • इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट
  • मौलाना आजाद कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, पटना
  • कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर
  • भाभा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर
  • देहारादून इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, देहरादून
  • उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी, देहरादून
  • स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, शारदा यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा

इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग कॅरियर के लिए संभावनाएं | Scope of Industrial Engineering Careers

  • इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कॅरियर बनाना आज की तारीख में फायदे का सौदा इसलिए कहा जा सकता है, क्योंकि व्यावसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जितनी भी तकनीकी चीजों का निर्माण हो रहा है, उनमें इस क्षेत्र से जुड़े पेशेवरों की बड़ी जरूरत पड़ती है।
  • विशेषकर मैन्युफैक्चरिंग यानी कि विनिर्माण के क्षेत्र में तेजी से विकास देखने के लिए मिल रहा है। ऐसे में इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग से जुड़े पेशेवरों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।
  • सबसे बड़ी बात है कि इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर लेने के बाद स्टूडेंट्स यदि अपने कौशल को और निखार लेते हैं, तो ऐसे में उन्हें एनालिस्ट और कंसलटेंट आदि के रूप में भी काम करने का अवसर मिल जाता है।
  • एक और चीज यह भी है कि इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में केवल तकनीकी क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि गैर तकनीकी क्षेत्रों में भी काम करने के अवसर मौजूद होते हैं।
  • युवा चाहें तो इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद व्यवसाय के क्षेत्र में भी अपने लिए बढ़िया कॅरियर बना सकते हैं।
  • ध्यान देने वाली बात यह भी है कि इंजीनियरिंग के बाकी ट्रेंड्स में जिस तरीके से पेशेवरों को बड़े पैमाने पर प्रोग्रामिंग आदि करनी पड़ती है, उसकी आवश्यकता इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बिल्कुल भी नहीं पड़ती है।
  • आज के समय में जिन संस्थानों में इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाई जाती है, वहां पर समय की जरूरत को देखते हुए बिजनेस की भी पढ़ाई करवाई जा रही है। साथ में यदि स्टूडेंट्स एमबीबीएस की भी पढ़ाई कर लेते हैं, तो यह उनके लिए सोने पर सुहागा साबित हो सकता है।

चलते-चलते

Industrial Engineering careers के बारे में आपने इस लेख में अब विस्तार से पढ़ लिया है। वास्तव में दोस्तों यदि आपकी रुचि भी इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में है, तो यहां दी गई जानकारी के मुताबिक एक इंडस्ट्रियल इंजीनियर के तौर पर कॅरियर बनाने की दिशा में तैयारी करके आप अपने कदम आगे बढ़ा सकते हैं। साथ ही यह जानकारी यदि आपके काम की हो, तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करना न भूलें।

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