Hardware vs Software

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Hardware vs Software


हेलो दोस्तों, हमारे आज के इस लेख में आपका स्वागत है। आज हम बात करने वाले हैं, डिजिटल दुनिया के दो महत्वपूर्ण आधार स्तम्भों की या यूं कहें दो महत्वपूर्ण घटको की। हमारी डिजिटल दुनिया का आधार है कंप्यूटर और कंप्यूटर दो के आधार स्तम्भ हैं हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर। आज हम हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर के विषय में बात करेंगे और साथ में जानेंगे Hardware vs Software. तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं आज का यह लेख।

आज के इस लेख में आपके लिए हैं

  • कंप्यूटर एक संक्षिप्त परिचय
  • हार्डवेयर क्या होते हैं?
  • हार्डवेयर के प्रकार?
  • सॉफ्टवेयर क्या होते हैं?
  • सॉफ्टवेयर के प्रकार?
  • Hardware vs. Software

कंप्यूटर एक संक्षिप्त परिचय

• कंप्यूटर वर्तमान में मानव जाति के ऊपर विज्ञान का वरदान है। यह एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो हमारे जीवन के सरल से लेकर जटिल कार्यो को मिनटों में निपटा देता है। हमारे डेस्कटॉप ,लैपटॉप , स्मार्टफोन , स्मार्ट उपकरण इसके उदाहरण है। कंप्यूटर का अविष्कार ‘चार्ल बैबेज’ ने किया था।

• कंप्यूटर शब्द का निर्माण Compute से हुआ है , जिसका लैटिन भाषा में अर्थ होता है ‘गणना करना’। प्रारम्भ में इसका अविष्कार केवल गणना करने के उद्देश्य से हुआ था।

• कंप्यूटर को हिंदी में ‘संगणक’ कहा जाता है। वर्तमान में इसका उपयोग शिक्षा, बैंकिंग, चिकित्सा , अनुसन्धान , मनोरंजन, स्पोर्ट्स जैसे अनेक महत्वपूर्ण क्षेत्रों में होने लगा है।

• कंप्यूटर के दो भाग से मिलकर बना होता हैं , हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर । ये दोनों भाग ही कंप्यूटर का ‘शरीर और आत्मा’ हैं। उपयोग के आधार पर हम कम्प्यूटर्स को दो भागो में बाँट सकते हैं -General prepose computers और Super computers.

• कंप्यूटर के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप हमारे अन्य लेख भी पढ़ सकते हैं उनका लिंक हम यहाँ पर दे रहें हैं।

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हार्डवेयर क्या होते हैं? (what is hardware)

• साधारण तौर पर कंप्यूटर के जिन सभी पार्ट्स को हम देख सकते है , छू सकते है, ये सभी कंप्यूटर के हार्डवेयर पार्ट्स कहलाते हैं। हार्डवेयर कंप्यूटर के भौतिक घटक होते हैं।

• कीबोर्ड, माउस , सीपीयू, मॉनिटर , कनेक्टिंग वायर्स , यूपीएस आदि ये सब कंप्यूटर के हार्डवेयर होते हैं।

• कंप्यूटर के हार्डवेयर पार्ट्स मिलकर ही कंप्यूटर की बॉडी का निर्माण करते हैं। दूसरे शब्दों में कहा जाये तो विभिन्न हार्डवेयर के सम्मिलित रूप को कंप्यूटर कहा जाता है।

• हार्डवेयर पार्ट्स का मुख्य कार्य कंप्यूटर तथा उपयोगकर्ता के बीच में संपर्क सूत्र का कार्य करना है। यदि हमें कंप्यूटर से कोई कार्य करना है तो उसकी कमांड हम हार्डवेयर के द्वारा ही कंप्यूटर को देते हैं।

हार्डवेयर के प्रकार? (Types of hardware’s)

हार्डवेयर तथा उसकी कार्यप्रणाली को समझने हेतु हार्डवेयर को 4 भागो में विभाजित किया गया है। आइये इनके बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं।

इनपुट हार्डवेयर (Input Hardware)

• कंप्यूटर में कार्य करने हेतु हम उसे जो भी कमांड देते है , वो सब इनपुट हार्डवेयर के द्वारा ही दी जाती है। जैसे – हमें कंप्यूटर ON करना है तो हमे Power Switch प्रेस करना होगा , इस स्थिति में ‘Power Switch’ एक इनपुट हार्डवेयर है।

• कीबोर्ड, माउस, स्कैनर, जॉयस्टिक, टचपैड , वेबकेम, माइक आदि सब इनपुट हार्डवेयर के उदाहरण है।

• इनपुट हार्डवेयर का कार्य हमारे द्वारा दी गयी कमांड को कंप्यूटर के समझने योग्य बनाना है। चूँकि कंप्यूटर डिजिटल भाषा को समझता है अतः इनपुट हार्डवेयर इनपुट कमांड को डिजिटल सिग्नल में बदल देते है।

आउटपुट हार्डवेयर(Output Hardware)

• कंप्यूटर द्वारा किसी कार्य को पूरा कर लेने की स्थिति में उसके परिणाम को हमारे सामने रखने या दिखाने का काम आउटपुट हार्डवेयर द्वारा किया जाता है।

• स्पीकर, मॉनिटर , प्रिंटर , प्रोजेक्टर आदि आउटपुट हार्डवेयर के सटीक उदाहरण है।

•आउटपुट हार्डवेयर का कार्य कंप्यूटर द्वारा दिए गए परिणाम को हमारे समझने योग्य बनाना है। चूँकि कंप्यूटर का कार्य परिणाम डिजिटल फॉर्म में होता है, ऐसे में आउटपुट हार्डवेयर इन्हे साउंड फॉर्म , हार्ड कॉपी , विज़िबल फॉर्म आदि में बदल देते है जिससे की ये हमारे समझने योग्य हो जाते है।

प्रोसेसिंग हार्डवेयर (Processing Hardware)

• दोस्तों कंप्यूटर में बहुत से ऐसे छोटे हार्डवेयर भी होते है जो उसके हार्डवेयर के अंदर लगे होते है तथा हमे साधारणतया बाहर से दिखाई नहीं देते है।

• कंप्यूटर के CPU में लगे ऐसे हार्डवेयर जो इनफार्मेशन प्रोसेसिंग का कार्य करते है , प्रोसेसिंग हार्डवेयर कहलाते है।

• प्रोसेसर(CPU), RAM, हार्डडिस्क, SSD, ग्राफ़िक कार्ड्स आदि ऐसे ही प्रोसेसिंग हार्डवेयर के उदाहरण है।

• प्रोसेसिंग हार्डवेयर , इनपुट हार्डवेयर एवं आउटपुट हार्डवेयर के बीच की कड़ी है , कोई भी कार्य प्रोसेसिंग हार्डवेयर के द्वारा ही आउटपुट हार्डवेयर को भेजा जाता है।

• प्रॉसेसिंग हार्डवेयर कंप्यूटर के अंदर किसी कार्य की प्रोसेसिंग, उसके परिणाम को क्रियान्वित तथा संगृहीत करने के लिए जिम्मेदार होते है।

एक्सटर्नल पैरिफेरल हार्डवेयर (External peripheral Hardware)

• कंप्यूटर के साथ कम्युनिकेशन के लिए जिन बाहरी डिवाइस हार्डवेयर का उपयोग किया जाता है , उन्हें एक्सटर्नल पैरिफेरल हार्डवेयर कहते है।

• USB ड्राइव, एक्सटर्नल हार्डडिस्क, CD/DVD आदि इसके उदाहरण है।

• पेरिफेरल एक्सटर्नल डिवाइसेस को रिमूवेबल पेरिफेरल डिवाइसेस भी कहा जाता है, इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए आप नीचे दिए गए लेख के लिंक पर क्लिक कर सकते है। इस लेख में हमने पैरिफेरल एक्सटर्नल डिवाइसेस के बारे में विस्तार से जानकारी दी है।

ये भी जानें

क्या होती है रिमूवेबल पैरिफेरल स्टोरेज डिवाइसेस?

सॉफ्टवेयर क्या होते हैं? (What is Software)

• हम पहले ही बता चुके है कि ‘सॉफ्टवेयर’ किसी कंप्यूटर की आत्मा होती है, इसके बिना कंप्यूटर मात्र एक ढांचा है।

• सॉफ्टवेयर दिखाई न देने वाली इकाई के रूप में कार्य करते है। ये हार्डवेयर को किसी कार्य करने के लिए निर्देशित करते है।

• सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर तथा यूजर के बीच इंटरफ़ेस करने का कार्य करते है। आसान भाषा में समझे तो हार्डवेयर तथा उपयोगकर्ता के मध्य सम्बन्ध स्थापित करने का कार्य सॉफ्टवेयर करते है।

• सॉफ्टवेयर को किसी विशेष कार्य को करने के लिए बनाया जाता है , इसमें किसी कार्य को करने के लिए ‘निर्देशन के सेट’ होते है। सॉफ्टवेयर का डेवलोपमेन्ट ‘कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज’ के द्वारा किया जाता है।

• ऑपरेटिंग सिस्टम (Windows, IOs, Android), इंटरनेट ब्राउज़र , वीडियो गेम्स , बैंकिंग सॉफ्टवेयर आदि इसके कुछ लोकप्रिय उदाहरण है।

सॉफ्टवेयर के प्रकार? (Types of Software)

सुविधा और समझ की दृष्टि से सॉफ्टवेयर को तीन भागो में बांटा गया है , जो इस प्रकार से है

सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software)

• सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के बुनियादी सॉफ्टवेयर है, जो कंप्यूटर की खुद की आवश्यकताओं की पूर्ति करते है। सिस्टम सॉफ्टवेयर की अनुपस्थिति में कंप्यूटर किसी भी कार्य को करने में असमर्थ रहता है।

• सिस्टम सॉफ्टवेयर, हमारे शरीर की इन्द्रियों के समान है , जैसे – सुनना , देखना , बोलना , स्पर्श , स्वाद, सूंघना आदि।

• ऑपरेटिंग सिस्टम ,साउंड ड्राइवर , वीडियो ड्राइवर, कीबोर्ड ड्राइवर आदि इसके उदाहरण है। ये सभी कंप्यूटर में उसकी बेसिक जरूरतों को पूरा करते है।

• सिस्टम सॉफ्टवेयर , इनपुट हार्डवेयर से कमांड को लेकर, एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के साथ मिलकर कार्य करके , उस कार्य का परिणाम आउटपुट हार्डवेयर को देते है।

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software)

• कंप्यूटर में हमारी जरुरत के कार्य को करने के लिए जिन सॉफ्टवेयर को डाला जाता या इनस्टॉल किया जाता है , उन्हें एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर कहते है।

• कैलकुलेटर, फोटोशॉप , VLS प्लेयर, PUBG, टिकटोक, MS office आदि इसके लोकप्रिय उदाहरण है।

• एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर का डेवलपमेंट किसी विशेष कार्य के प्रयोजन के लिए किया जाता है। जैसे बैंकिंग , एकाउंटिंग, मनोरंजन , एजुकेशन आदि Google pay, PayTm , Tally, Amazon prime, OpenNaukri आदि इसके सटीक उदाहरण है।

यूटिलिटी सॉफ्टवेयर (Utility Software)

• ऐसे सॉफ्टवेयर जो कंप्यूटर की Maintenance, Optimization, Analyzation और Configuration में मदद करते है , यूटिलिटी सॉफ्टवेयर कहलाते है।

• एंटीवायरस, स्क्रीन सेवर, बैटरी सेवर, डिस्क डेफ्रेग्मेंटेर आदि इसके उदाहरण है। ये सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के साथ भी आते है और कुछ सॉफ्टवेयर को अलग से इनस्टॉल करने की भी आवश्यकता रहती है।

Hardware vs Software

दोस्तों यहाँ पर हम हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का तुलनात्मक अध्धयन करेंगे। चूँकि हम पहले ही बता चुके है की ये दोनों ही कंप्यूटर के आवश्यक भाग है और किसी कार्य को करने के लिए दोनों एक-दूसरे पर प्रत्यक्ष रूप में निर्भर है। अतः यहाँ पर हमारा दृश्टिकोण केवल दोनों की महत्वता पर केंद्रित होगा।

• हार्डवेयर की निर्माण सामग्री भौतिक है, प्लास्टिक, सेमीकंडक्टर मटेरियल आदि से इनका निर्माण होता है। सॉफ्टवेयर विज़ुअल स्तर पर कार्य करता है अतः इसका निर्माण एक आभासिक स्तर पर होता है।

• हार्डवेयर का निर्माण छोटे -बड़े कॉम्पोनेन्ट से मिलकर होता है। सॉफ्टवेयर का निर्माण विभिन्न कंप्यूटर प्रोग्राम लैंग्वेजेज से होता है।

• हार्डवेयर की प्रकृति वास्तविक है , हम इसे देख , छू सकते है। सॉफ्टवेयर एक लॉजिकल संकल्पना मात्र है , जो दिखायी नहीं देता है।

• हार्डवेयर को उपयोग के दौरान विशेष रखरखाव की जरुरत रहती है तथा समय समय पर इनकी मैंटेनस भी करनी होती है। सॉफ्टवेयर साधारणतया मेंटेनन्स फ्री रहते है केवल अपग्रेड और बग troubleshoot की आवश्यकता रहती है।

• हार्डवेयर के उपयोग में भौतिक वातावरण की परिस्थितियों(तापमान, नमी) का असर पड़ता है। सॉफ्टवेयर के उपयोग में ऐसी किसी परिस्थिति में कोई निर्भरता नहीं रहती है।

• हार्डवेयर , उपयोगकर्ता तथा एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के मध्य की कड़ी होता है। सॉफ्टवेयर उपयोगकर्ता तथा हार्डवेयर के बीच में यूजर इंटरफ़ेस करता है।

• अधिकांशतः हार्डवेयर का निर्माण multipurpose उद्देश्यों के लिए किया जाता है जैसे मॉनिटर, कंप्यूटर सम्बन्धी कार्यों, वीडियो मनोरंजन, गेम खेलने के लिए डिज़ाइन किया गया होता है। सॉफ्टवेयर का निर्माण विशेष कार्य की पूर्ति के लिए होता है जैसे बैंकिंग सॉफ्टवेयर में हम बैंक सम्बन्धी कार्य ही कर पाते है।

• हार्डवेयर में onetime इन्वेस्टमेंट होता है, एक बार खरीद के बाद हार्डवेयर आपका हो जाता है। अधिकांश सॉफ्टवेयर free to use होते है , कुछ विशेष उद्देश्य सॉफ्टवेयर को खरीदना पड़ता है।

• पेन ड्राइव , ब्लूटूथ हैडफ़ोन , Barcode स्कैनर एवं प्रिंटर हार्डवेयर के लोकप्रिय उदाहरण है। PuBG, Bluewhale game, OS Android pie, OS MIUI, Windows10, Netflix आदि इसके लोकप्रिय उदाहरण है।

चलते चलते

दोस्तों आज के इस लेख में हमने जाना की वर्तमान में Hardware Vs Software में दोनों एक-दूसरे के पूरक है, इन दोनों के बिना किसी कंप्यूटर की संकल्पना अपवाद है। लेकिन विज्ञान जिस तेजी के साथ विकास की नयी -नयी परिभाषायें गढ़ रहा है और दिन -प्रतिदिन टेक्नोलॉजी से हार्डवेयर का आकार छोटा होता जा रहा है , तब इस सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता है कि शायद भविष्य में कंप्यूटर की निर्भरता हार्डवेयर से समाप्त हो जाये। खैर ये तो आने वाला वक्त ही बता पायेगा की हम कहाँ तक पहुंचते है , दोस्तों आपको हमारा ये लेख कैसा लगा , हमे कमेंट करके जरूर बताये तथा इस लेख को अपने दोस्तों के साथ शेयर भी करे , धन्यवाद।

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