नार्थ कोरिया – एक अलग दुनिया

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दुनिया के नक्शे पर नॉर्थ कोरिया एक संकुचित और सीमित लेकिन एक तानाशाह द्वारा शासित देश है। इसके अलावा पिछले कुछ समय से नॉर्थ कोरिया विश्व के शेष हिस्से के लिए परमाणु परीक्षणों के कारण सबसे बड़ा खतरा भी बना हुआ है। आज भी नॉर्थ कोरिया के कानून और इसके शासक के अनोखे निर्णय दुनिया के लिए चर्चा का विषय बने हुए हैं।

North Korea का इतिहास

ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाए तो उत्तरी कोरिया का जन्म द्वितीय विश्व युद्ध के बाद हुआ था। उससे पहले 1910 में जापान ने कोरिया प्रायद्वीप को अपने अधिकार में कर लिया था और  यह स्थिति 35 वर्षों तक बनी रही। द्वितीय विश्व युद्ध में जापान की हार के बाद कोरिया के उत्तरी भाग पर सोवियत संघ और दक्षिणी भाग पर अमेरिका ने कब्जा कर लिया था। इस प्रकार एक देश के दो टुकड़े हो गए और दोनों ही एक दूसरे के दुश्मन बन गए। 1948 में दोनों देशों के बीच एकीकरण की वार्ता विफल रही और 1950-53 में इनके बीच में युद्ध भी हुआ जो समाप्त तो हुआ लेकिन उनमें शांति वार्ता नहीं हुई।

नॉर्थ कोरिया का शासन

1948 में नॉर्थ कोरिया में रूस के जोसेफ स्टालिन के समर्थन से एक सरकार का निर्माण किया गया। इस सरकर को किम II सुंग ने अपने अधीन रखकर शासन किया और उनकी मृत्यु के बाद उनके ही परिवार के लोगों ने शासन की बागडोर सम्हाली और यह सिलसिला अब तक जारी है। दूसरे शब्दों में कहें तो उत्तरी कोरिया में निर्माण से लेकर अब तक एक ही परिवार का शासन चल रहा है तो कुछ गलत नहीं होगा। इस बात को और मजबूत करने के लिए 1972 में बने देश के संविधान में भी संशोधन कर दिया गया। इस संशोधन के अनुसार किम 2 सुंग को अनंतकाल तक का नेता घोषित किया गया है। इस सत्य को एक चमत्कारिक घटना बताते हुए आने वाली पीढ़ियों को इसका अनुगामी होने की शिक्षा दी जाती है। छोटे बच्चों को किम सुंग एक चमत्कारी पुरुष के रूप में बताकर उनके जन्मदिन और मृत्युदिन को नेशनल हॉलिडे के रूप में मनाया जाता है।

आत्मनिर्भर देश के रूप में घोषित उत्तरी कोरिया में उधयोगों और कृषि पर सरकार का अधिकार होता है और स्वास्थ्य सेवाएँ, शिक्षा, आवास और खाद्यान्न उत्पादन पर सरकारी सबसिडी होती है। 1994-1998 तक इस देश ने अकाल का दुख भी उठाया है।

वर्तमान नॉर्थ कोरिया

इस समय किम जोंग उन नॉर्थ कोरिया के शासक हैं और इनके चीन और रूस से अच्छे संबंध हैं। अमरीका को अपना कट्टर दुश्मन मानने वाले किंग जोंग निरंतर परमाणु परीक्षण करते रहते हैं और अपनी तौर पर अमेरिका की नींद हराम करते रहते हैं। निरंतर किए जाने वाले परमाणु परीक्षणों से अमेरिका ने बेचैन होकर यह कह दिया है की लगता है उत्तरी कोरिया युद्ध के लिए बेकरार हैं। अभी छटे परमाणु परीक्षण के बाद अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र में उत्तर कोरिया पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव किया है। इसमें उत्तर कोरिया पर तेल प्रतिबंध और वहाँ के नेता किम जोंग की सम्पत्तियों पर प्रतिबंध लगाना भी शामिल है।

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