डोनाल्ड ट्रम्प के द्वारा बनायी गयी नीतियाँ

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मंगलवार को अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प के शानदार जीत से दोनों घर में और विदेशों में कट्टरपंथी नीति बदलाव की एक श्रृंखला के लिए मंच तैयार है।

कई विश्लेषकों ने चेतावनी देते हुए अभियान वादों और सरकारी नीति के बीच एक बड़ा अंतर बताया है कि कभी-कभी व्यापारिक बातचीत विज्ञापन से कम मूल हो जाता है।

लेकिन यहां पर सात तरिके है जो राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के तहत जीवन में बदलाव ला सकता है।

1.व्यापार:

श्री ट्रम्पने प्रस्तावित ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप सौदे का विरोध किया और मैक्सिको और कनाडा के साथ नाफ्टा समझौते में बदलाव की मांग की है ।इस तरह की नीतियों से मध्य पश्चिम में उसकी अपील को बल मिला है। चीन से आने वाले सभी सामान पर 45 प्रतिशत दंड लगाने की भी धमकी दी है और व्यापारिक झगड़े का डर बढा दिया है।

2. विदेश नीति:

श्री ट्रम्प ने कहा है कि जो श्री बराक ओबामा ने इरान के साथ सौदा किया था और जो इस्लामी गणराज्य को परमाणु हथियार प्राप्त करने से रोक रहा था उसको या तो पुरी तरह से खत्म किया जायेगा या कम से कम पुनर्गठित किया जायेगा।। जहाँ श्री ओबामा ने अपना कार्यकाल परमाणु रहित संसार के सपने के साथ शुरु किया वही श्री ट्रम्प ने कहा है कि अमेरिका के दरवाजे जापान और दक्षिण कोरिया के परमाणु हथियार विकसित करने के लिये खुले होंगे।होंगे। उन्होने संघि प्रतिबद्धताओं पर सवाल किया है कि उन्होने अपने तरीके से भुगतान नही किया है और उन्होने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ घनिष्ठ संबंध रखने के लिये सुझाव दिया है।

3.स्वास्थ्य देखभाल:

श्री ट्रम्प रिपब्लिकन प्रतिज्ञा करते हुए कहा है की श्री ओबामा द्वारा निर्मित “ओबामा केयर रिफॉर्म्स” को बंद या बदला जाये । उन्होने एक व्यापक विकल्प निर्धारित नहीं किया लेकिन वो कहते हैं कि वे बाजारमें अलग-अलग राज्यों में के बीच प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करेंगे।

4.कर नीति:

श्री ट्रम्प ने रोनाल्ड रीगन के बाद से सबसे बड़ी कर क्रांति का वादा किया है जिसके तहत वे बोर्ड में काफी बदलाव लायेंगे। उन्होने कहा है कि अमेरिकी व्यापार कर में अपने लाभ का अधिक से अधिक 15 प्रतिशत भुगतान करना होगा। टैक्स की महत्तम दर गणराज्य के रूप मे 39.6 फीसदी से गिर के टैक्स ब्रैकेट की संख्या कम होगी।

5. सुप्रीम कोर्ट:

यह चुनाव का परिणाम अमेरिका में कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं के लिए सबसे बड़ा परिणाम हो सकता है। सर्वोच्च अदालत रूढ़िवादी और अधिक उदार न्यायधिश मे 4:4 के प्रमाण से विभाजित है । हिलेरी क्लिंटन के समर्थकों को उम्मीद थी कि डेमोक्रेटिकराष्ट्रपति द्वारा चुना गया नौवा जज अगली कई पीढ़ियों के लिए महत्त्व पूर्ण बदलाव लाएगा। लेकिन यह हो न सका।

6. जलवायु परिवर्तन:

श्री ट्रम्प ने कहा है की ग्लोबल वार्मिंग चीन के द्वारा रची गई एक कहानी है जो अमेरिका के निर्माताओं को स्पर्धा से हटाने के लिए बनायी गई है । यह सोचते हुए उन्होंने पेरिस जलवायु समझौता जो श्री ओबामा ने चीन के साथ सौदा किया था उसको रद्द करने की कसम खाई है। उनका यह भी कहना है कि वह संयुक्त राष्ट्र के ग्लोबल वार्मिंग के कार्यक्रमों के लिए सभी अमेरिकी भुगतान बंद कर देंगे।

7. आप्रवासन:

इस मुद्दे ने अभियान में सबको सबसे ज्यादा श्री ट्रम्प से आकर्षित किया है । उनके के जनुनी समर्थकऔर हिस्पैनिक समर्थक चाहते है की इस मुद्दे को जल्द से जल्द वाइट हाउस में जगह मिले है। श्रीमती क्लिंटन और श्री ओबामा ने उन व्यापक सुधारों का समर्थन किया था कि जिससे अवैध आप्रवासियों को पूर्ण नागरिकता मिल सकती थी। श्री ट्रम्प ने मैक्सिकन सीमा पर एक दीवार का निर्माण करने के लिए अपनी प्रतिज्ञा पर अभियान चलाया है। उन्होंने मुस्लिम आप्रवास पर प्रतिबंध लगाने और 110 लाख अनधिकृत आप्रवासियों के निर्वासन के लिए बुलाया है।

अमरिका के पिछले सभी राष्ट्रपति के साथ भारत का अनुभव सामान रहा है । चाहे कोई भी व्यक्ति राष्ट्रपति बना लेकिन अमेरिका की भारत और अन्य एशिया के देशों के प्रति नीतियों में ज्यादा फर्क देखा गया नहीं है।अब यह वक्त ही बतायेगा की श्री ट्रम्प के राष्ट्रपति बनने से भारत को क्या असर होता है ।

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