इन 10 गलतियों को न करें तो एक अच्छा रिज्यूमे बना सकते हैं

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सदियों से यही प्रचलन चलता आ रहा है की कोई नवयुवक अपनी शिक्षा पूर्ण करके किसी व्यवसाय के द्वारा या नौकरी के द्वारा आय अर्जन करने का प्रयास करता है। भारत में स्वतन्त्रता के पश्चात एक साधारण कागज पर अपने बारे में कुछ वाक्य लिख कर देने से उसे नौकरी पाने का प्रार्थना पत्र मान लिया जाता था। लेकिन समय के साथ हर व्यवस्था में परिवर्तन आने से इस प्रणाली में भी भारी परिवर्तन आ गया है। वर्तमान समय में कुछ लोगों ने इस कार्य को पेशा बना लिया है जिसमें विभिन्न प्रकार की नौकरी के आवेदन हेतु पत्र जिसे रिज्यूमे कहा जाता है, बनाते हैं। लेकिन वास्तविकता तो यह है की अगर कोई भी युवा कुछ गलतियाँ न करे , तो एक सर्वश्रेष्ट रिज्यूमे का निर्माण करके मनचाही नौकरी पा सकता है। अगर आप इन 10 गलतियों को न करें तो एक अच्छा रिज्यूमे बना सकते हैं :

  1. व्य्याकरण और वर्तनी अशुद्धि :

कहते हैं शब्द आपके व्यक्तित्व की पहचान होते हैं। इसलिए जब आप रिज्यूमे का निर्माण कर रहे हों तो लिखने वाली भाषा के व्य्यकरण नियम का ज्ञान भली-भांति होना चाहिए। इसके अतिरिक्त शब्दों को लिखते समय वर्तनी या स्पेलिंग ज्ञान भी बहुत महत्व रखता है। लिखावट में करी गयी व्य्यकरण और स्पेलिंग की गलतियाँ आपके नियोक्ता को आपके विरुद्ध कर सकतीं हैं। इसलिए एक बार लिखने के बाद उसे स्वयं या किसी जानकार व्यक्ति से जांच करवा लें।

  1. फॉन्ट और फ़्रोमेट चयन में असावधानी:

आजकल सभी अपना रिज्यूमे कंप्यूटर पर माइक्रोसॉफ्ट वर्ड में बना कर देते हैं। इसमें अनेकों फॉन्ट होते हैं। इसके अतिरिक्त विभिन्न पेशों के लिए अलग-अलग फॉन्ट का चलन भी प्रचलित है। इसलिए इस नियम का ज्ञान प्राप्त करके ही अपने रिज्यूमे के लिए सही फॉन्ट का चयन करें। साथ ही रिज्यूमे किस फोरमेट में बना है, यह भी बहुत महत्व रखता है। शिक्षा जगत का रिज्यूमे फॉर्मेट, कॉर्पोरेट जगत के प्रबंधकीय पद के रिज्यूमे फॉर्मेट से भिन्न होता है। इसलिए आपका रिज्यूमे सही फॉन्ट और फॉर्मेट के अनुसार ही निर्मित होना चाहिए।

  1. ओब्जेक्टिव कथन में परिवर्तन :

रिज्यूमे को लिखते समय सबसे पहले “ओब्जेक्टिव” लिखा जाता है जो हमारा उस पेशे या पद पर कार्य करने के मुख्य उद्देशय को बताता है। जब आप किसी पद के लिए रिज्यूमे लिख रहे हों, तो अपना ‘ओब्जेक्टिव’ पद की प्रकृति के अनुसार ही करें। कुछ युवा एक ही रिज्यूमे को अनेक पदों के लिए इस्तेमाल करते हैं, उसमे सबसे पहले गलत “ओब्जेक्टिव” कथन की ओर ध्यान जाता है।

  1. निजी विवरण में त्रुटि:

जब आप अपना रिज्यूमे लिखते हैं तो सबसे ऊपर अपना पूरा नाम, फोन नं , ईमेल और पता लिखा जाता है। लेकिन जब असावधानी से इस विवरण में से कुछ छूट जाता है तो वह विवरण अधूरा माना जाता है और इससे आपकी छवि पर बुरा असर पड़ता है।

  1. खराब कागज:

अगर आप यह सोचते हैं की रिय्युमे का प्रिंट किसी भी कागज पर निकाल लें, कोई अंतर नहीं पड़ेगा, तो आपका सोचना बिलकुल गलत है। नियोक्ता के हाथ में सबसे पहले आपके रिज्यूमे का कागज आता है जो आपके व्यक्तित्व और आदतों का परिचायक होता है। इसलिए प्रिंट निकलते समय अच्छी क्वालिटी का कागज लें।

  1. रिज्यूमे का गलत आकार:

कुछ अति-उत्साही युवक अपने रिज्यूमे को 3-4 पेज का बना देते हैं तो वहीं कुछ युवा बहुत कम शब्दों का प्रयोग करते हैं। जबकि दोनों ही स्थितियाँ गलत हैं। रियूमें में लिखे गए फालतू शब्द और जानकारी नियोक्ता को आपकी ओर से निराश कर सकते हैं। इसी प्रकार कम शब्दों में जानकारी असपष्ट और अधूरी होती है। इसलिए सही और सटीक जानकारी ही आपके रिज्यूमे को आकर्षक बना सकती है

  1. गलत जानकारी:

रिज्यूमे आपके ज्ञान और व्यक्तित्व का प्रतिनिधि होता है, इसलिए केवल नौकरी पाने के लिए इसमें कोई भी जानकारी या सूचना असत्य या अधूरी नहीं होनी चाहिए।

8.रिज्यूमे डिजाइन:

वर्तमान समय विज्ञापन का युग माना जाता है। आपका रिज्यूमे भी आपकी योग्यता और व्यक्तित्व का विज्ञापन ही होता है। अगर इसे आकर्षक विधि से न बनाया जाये तो नियोक्ता इसे पढ़ने में रुचि नहीं लेंगे।

  1. योग्यता का सही प्रदर्शन:

रिज्यूमे का निर्माण प्रत्येक पद और कंपनी की प्रकृति के अनुसार होना चाहिए। जॉब प्रोफाइल के अनुसार अपनी योग्यता, कार्य-क्षमता और अनुभव का वर्णन न करना आपके लिए घातक हो सकता है।

  1. विशेषताओं को छिपाना:

आपके अंदर जो विशेष गुण हैं, आपकी रुचि, पसंद और समय व्यतीत करने के साधन, इन सभी का वर्णन आपके व्यक्तित्व की सही जानकारी देते हैं। इसलिए इन्हें अवशय और सही लिखें।

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