भारत की विभिन्न नृत्य शैलियों का विवरण

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भारत एक बहुत ही समृद्ध संस्कृति वाला देश है जो विभिन्न प्रकार की नृत्य शैलियों के लिए जाना जाता है। उसके परंपरागत, शास्त्रीय, लोक और जनजातीय नृत्य शैली विश्वप्रसिद्ध है। भारत के अविश्वसनीय पारंपरिक नृत्यों का प्रारंभ प्राचीन काल के दौरान हुआ था और इन्हें शास्त्रीय नृत्य की नीव माना जाता है। संगीत नाटक अकादमी आठ पारंपरिक नृत्य शैलियों को भारतीय शास्त्रीय नृत्य के रूप में पहचान देता है, जो इस प्रकार हैं: भरतनाट्यम (तमिलनाड), कथक (उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत), कथकली (केरल), कुचिपुड़ी (आंध्र प्रदेश), ओडिसी (ओड़िशा), मणिपुरी (मणिपुर), मोहिनीअट्टम (केरल), और सत्त्रिया नृत्य (असम)। इसकी जड़ें संस्कृत के एक प्रसिद्ध ग्रंथ “नाटय शास्र” से जुड़ी है। इन भारतीय शास्त्रीय नृत्य शैलियों के अलावा भारत में हर राज्य की स्वयं की कई लोक नृत्य शैलियाँ भी हैं जैसे कि: गुजरात का गरबा और डांडिया, राजस्थान का घूमर और रसिया, पंजाब का भांगड़ा और गिद्दा, असम का बिहू, महाराष्ट्र का लावनी, इत्यादि। कुछ नृत्य शैलियों का विवरण निम्नलिखित है:

भरतनाट्यम नृत्य का सबसे पुराना रूप माना जाता है जो दक्षिण भारत के तमिलनाड राज्य में हिन्दुओं के मंदिरों में 1000 B.C में उत्पन्न हुआ था तथा मंदिर नर्तकियों की कला का प्रदर्शन करता है। यह माना जाता है कि भरतनाट्यम भगवान ब्रह्मा द्वारा भरत को भेट में दिया गया था जो एक प्रसिद्ध ऋषि थे जिन्होंने इस पवित्र नृत्य को संस्कृत पाठ नाट्य शास्त्र में संहिताबद्ध कर दिया था।

कथक का जन्म उत्तर प्रदेश राज्य में हुआ था और पारंपरिक रूप से प्राचीन उत्तरी भारत में यात्रा करते चारणों या कथककार के साथ जुड़ा हुआ है। इस नृत्य के तीन घराने हैं – लखनऊ, बनारस और जयपुर तथा इसका विकास भक्ति आंदोलन के दौरान हुआ था जो विशेष रूप से भगवान कृष्ण की बचपन और कामुक कहानियों को सर्मपित है।

कथकली का जन्म 17 वीं सदी में “भगवान के अपने देश” कहलाए जाने वाले प्रदेश केरल में हुआ था। यह अपने विस्तृत रंगीन मेकअप, वेशभूषा और चेहरे पर मुखौटा लगाए अभिनेता-नर्तकियों के लिए जाना जाता है जो कि आदमी होते हैं।

गरबा तथा डांडिया का जन्म गुजरात राज्य में हुआ था तथा यह दोनों नृत्य नौ दिनों तक मनाए जाने वाले माँ दुर्गा को सर्मपित हिन्दुओ के त्यौहार नवरात्रि के दौरान प्रदर्षित किया जाता है।
भांगड़ा और गिद्दा का जन्म पंजाब क्षेत्र में हुआ था। भांगड़ा जो एक मार्शल नृत्य शैली है आदमियों द्वारा प्रर्दशित किया जाता है जबकि गिद्दा जो एक लोक नृत्य है औरतों द्वारा प्रर्दशित किया जाता है।

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